बिलासपुर । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को बिलासपुर आ रहे है। लेकिन चुनावी साल में मोदी की इस बड़ी रैली से ठीक पहले ही बीजेपी के एक खेमे में मायूसी छा गयी है। जीं हां बताया जा रहा है कि पीएम की रैली की तैयारी को लेकर प्रदेश स्तर पर व्यापक तैयारी की जा रही थी, लेकिन 28 सितंबर को अमित शाह के रायपुर में हुए मैराथन बैठक और विधानसभा चुनाव में सांसदों को उतारने के फैसले ने पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल की चिंता बढ़ा दी है। आलम ये है कि आज पूरा बिलासपुर शहर प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरूण साव के पोस्टरों से पटा हुआ है। मतलब साफ है अगर अमित शाह का फार्मूला छत्तीसगढ़ में लागू हुआ, तो पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के राजनीतिक कैरियर पर सांसद अरूण साव का ग्रहण लगता नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में अब गिनती के दिन बचे है। आगामी सप्ताह-दस दिन में प्रदेश में आचार संहिता भी लागू हो जायेगी। लिहाजा सत्ता का वनवास काट रही बीजेपी दोबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए ऐढ़ी-चोटी का जोर लगाये हुए है। यहीं वजह है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी लगातार छत्तीसगढ़ पर फोकस किये हुए है। आज शनिवार को पीएम मोदी बिलासपुर के साइंस कालेज मैदान में बड़ी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। पहले से तय प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर पार्टी ने सभी बड़े नेताओं को तैयारी की जिम्मेदारी दे रखी थी। बताया जा रहा है कि बिलासपुर के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को इस आयोजन की तैयारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी थी।
बिलासपुर में 27 सितंबर तक सब कुछ काफी बेहतर ढंग से चल रहा था। अमर अग्रवाल खेमे के नेता बढ़ चढ़कर तैयारी में जुटे हुए थे। लेकिन 28 सितंबर को अमित शाह के रायपुर में हुए मैराथन बैठक और टिकटों के वितरण पर लिये अहम फैसले ने बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं को झटका दे दिया है। जानकारों की माने तो मध्य प्रदेश की तर्ज पर बीजेपी छत्तीसगढ़ में भी आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों को विधानसभा चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में है। ऐसे में पार्टी हाईकमान बिलासपुर विधानसभा सीट पर अमर अग्रवाल की जगह ओबीसी वर्ग से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरूण साव को मौका दे सकती है। अमित शाह के 28 सितंबर की इस बैठक के बाद से ही बिलासपुर में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के खेमे में मायूसी छा गयी है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के आने से पहले ही पूरा बिलासपुर अरूण साव के पोस्टरों से पट गया है।
अमर अग्रवाल के पोस्टर और बैनर शहर में गिनती की जगहों पर दिख रहे है। वहीं मंच पर पीएम मोदी के साथ सीटिंग व्यवस्था पर गौर करे तो बिलासपुर के कद्दावर नेता अमर अग्रवाल को मंच में पहले लाइन के अंतिम पंक्ति के 16 वे नंबर का चेयर आबंटित है। 28 सितंबर के बाद एकाएक बीजेपी के बदले समीकरण के बाद अब कई तरह की चर्चाए गर्म है। आपको बता दे कि रमन सरकार में लगातार 15 सालों तक सरकार के अहम विभागों में मंत्री रहे अमर अग्रवाल को बिलासपुर क्षेत्र का किंग माना जाता था। अमर अग्रवाल की लोकप्रियता ही थी कि बिलासपुर विधानसभा को कभी कांग्रेस भेद नही पाई, लेकिन बिलासपुर में सिवरेज लाइन के काम ने पूरे शहर को जिस तरह से पांच सालों तक गडढे में ढकेल दिया, उसने अमर अग्रवाल की लोकप्रियता और जनाधार पर जमकर बट्टा लगा।
जिसका खामियाजा साल 2018 के चुनाव में अमर अग्रवाल को हार का सामना कर चुकाना पड़ा। मौजूदा वक्त में भले ही बिलासपुर की हालत सुधर गयी है, लेकिन बिलासपुर के लोग आज भी सिवरेज के उस बुरे दौर और अमर अग्रवाल के मिस मैनेजमेंट को नही भूल सके है। नतीजा क्षेत्र में कद्दावर नेता अमर अग्रवाल की घटती लोकप्रियता को देखते हुए अब पार्टी हाईकमान भी उन पर दांव लगाकर रिस्क नही लेना चाहती। लिहाजा अमित शाह का सांसदों को टिकट देने का फार्मूला अगर चला,तो बिलासपुर विधानसभा से मौजूदा वक्त में सांसद अरूण साव टिकट के प्रबल दावेदार है। यहीं वजह है कि पिछले 48 घंटे में बिलासपुर के बदले समीकरण से जहां पार्टी के एक खेमे में काफी उत्साह है, वही दूसरे खेमे में मायूसी और चिंता व्याप्त है। खैर अभी भाजपा की लिस्ट नही आई है, लिहाजा लिस्ट आने तक राजनेताओं की धुकधुकी जरूर बढ़ी रहेगी।