खरोराछत्तीसगढ़

केंद्र सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के कारण मजदूर आज भी मजबूर: कमल बांधे

खरोरा। मजदूर नेता कमल बांधे ने केंद्र सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर बरसते हुए कहा कि आज केंद्र में बैठे मजदूर किसान विरोधी भाजपा की सरकार ने देश के कर्म वीरो मजदूरों के खिलाफ कानून लाकर देश की उद्योगपतियों पूंजीपतियों तथा कारपोरेट घरानों को खुश करने में लगा हुआ है, जिसे देश की करोड़ों मजदूर किसान कभी माफ नहीं करेंगे जब से देश की सत्ता में भाजपा की सरकार बैठा हुआ है, तब से मजदूरों को छलने का ही काम कर रहा है ,मजदूर किसानों के हित में बने कानून में लगातार बदलाव कर लचीला बनाकर अपने आकाओं को खुश करने में लगा हुआ है, देश की आजादी के ससत्तर वर्ष पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं

जबकि अभी तक मजदूरों को ठगने का ही काम किए हैं , मजदूरों के हित, हक, अधिकार,सम्मान की अनदेखी कर किनारे कर पूंजीपतियों के इशारे पर कार्य कर रहा है, कारखाना एक्ट एवं औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग की स्थिति श्रमिक हित में नगण्य की ओर हैं , देश प्रदेश में औद्योगिक दुर्घटना प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है आज मजदूर से 12 घंटे काम लेकर कम मजदूरी देकर भारी शोषण किया जा रहा है ,प्रदेश के कई उद्योगों में गंभीर बीमारी से मजदूर जूझ रहे हैं, केंद्र की भाजपा सरकार कृषि कानून, श्रम कानून पर कई बदलाव कर चुका है श्रम कानून में जो बदलाव हुआ है उसे पर सड़क से सदन तक आवाज उठाना चाहिए पीएफ एवं मेडिकल फंड की सुविधा मात्र तीस परसेंट लोगों को ही मिल पा रहा है ,महिला श्रमिकों की स्थिति और भी दयनीय है। आज स्कूल हॉस्पिटल कॉलेज हो उद्योगों में कार्य करने वाली महिला श्रमिकों की स्थिति अत्यंत दयनीय है

तथा श्रमिकों के अधिकारों का भारी शोषण हो रहा है और श्रम विभाग निद्रा स्थिति में है प्रदेश के एफसीआई वेयरहाउस के हमारे का भी आधा हिस्सा बिचौलिए लोग ले रहे हैं ,खा रहे हैं बिजली विभाग में बिजली विभाग में मेंटेनेंस और सभी स्टेशनों में लगे श्रमिकों का हक ठेकेदार मार रहे हैं। राज्य के श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 600 से 700 रुपए होना चाहिए तथा मजदूरों किसानों के हित में ऐसा कठोर कानून बनाया जाए की कोई भी उनका हक अधिकार का हनन न कर सके।

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