नियम विरूद्ध कर्मचारी रखकर उमा प्रधान चला रही पटवारी कार्यालय

रायपुर। आमतौर पर सरकार ने लोगों के सुविधा के लिए अलग अलग विभाग बनाया है, अब उस विभाग के अधिकारी को सरकार के तरफ़ से वेतन भुगतान किया जाता है।
ऐसा ही एक मामला कांदुल से आया है. कांदूल में पटवारी के पद पर उमा प्रधान कार्यरत है, जब आवाम दूत की टीम उमा प्रधान से मिलने गई, तो बाहर से पटवारी कार्यालय बंद था पर दूसरी तरफ़ पटवारी कार्यालय खुला था और पटवारी कार्यालय में तीन अनजान पुरुष सरकारी दस्तावेज़ के साथ लैपटॉप में कार्य कर रहे थे।
क्या उमा प्रधान अलग से कार्य करने के लिए लोगो को रखा है? और रखा तो इनका वेतन कौन वहन करता है.
क्या उमा प्रधान के पास इतना पैसा आ गया है ? कि अलग से पटवारी कार्यालय में वेतन देकर रखा जा रहा है।
क्या प्रसासन उमा प्रधान जैसे लोगों के साथ है? और इन्ही के संरक्षण में उमा प्रधान पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही हैं?
क्या उमा प्रधान पटवारी के पद से बहुत सारा पैसा कमा रही है ?
उमा प्रधान के इस कार्य ने सभी पटवारी पर सवाल खड़े कर दिये है।
क्या उमा प्रधान पर प्रशासन या इनके पटवारी संगठन कोई कार्यवाही करेंगे या उमा प्रधान जैसे लोगों का समर्थन होगा ?