तिल्दा नेवरा। रामा स्पंज एंड स्टिल पॉवर ग्राम खमरिया उद्योग स्थापना को लेकर ग्रामीणों के बीच भारी गहमागहमी देखी जा रही है । ग्रामीणों ने उद्योग प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोगों को झांसा में लेकर जनसुनवाई में उद्योग के समर्थन में खड़ा करने वाला है। जिसके लिए धन बल का प्रयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों से लेकर नेता एवं ग्राम पंचायत से लेकर तिल्दा शहर तक। संबंधित उद्योग के कर्मचारी रोज दौरा करके। अपने पक्ष में करने का प्रलोभन दे रहे हैं।
बता दें कि अभी कुछ दिनों बाद आचार संहिता लगने वाला है। उससे पहले उद्योग प्रबंधन अपनी चाल को कामयाब करने के लिए तत्काल जनसुनवाई करने जा रही है। जबकि वही ग्रामीणों में उद्योग स्थापना को लेकर विपरीत परिस्थितियां देखा जा रही है ।
गौरतलब हो कि रायपुर जिला तिल्दा विकासखंड क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत खमरिया मे, रामा स्पज एंड स्टील पॉवर संयंत्र स्थापना को लेकर। पर्यावरण जनसुनवाई आज 9 अक्टूबर सोमवार को ग्राम खमरिया में कराई जानी है। ।उक्त जनसुनवाई में उद्योग स्थापना को लेकर ग्रामीणों ने भारी विरोध मुखर किया । ग्रामीणों ने उद्योग प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए। कहा कि है कि सुनियोजित तरीके से कुछ लोगों को उद्योग के समर्थन में खड़ा कर समर्थन को हवा दिया जा रहा था।
वही इसी बीच जनसुनवाई का भारी विरोध करने को ग्रामीण तैयार है । ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत क्षेत्र में मुनादी नही किया गया था। अपितु,कुछ लोगों को प्रलोभन देकर जनसुनवाई में उद्योग के समर्थन में खड़ा किया जाना है । जनसुनवाई में ग्रामीणों का पहला मांग है। वह यह है कि क्षेत्रिय बेरोजगारों को 70 प्रतिशत रोजगार मुहैया कराई जावे ।वहीं कुछ लोगो ने शिक्षा , स्वास्थ्य पर बल दिया । ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित किया गया है। फिर भी क्षेत्रवासी रोजगार की समस्या से जुझ रहे हैं । ग्रामीणों ने क्षेत्रिय बेरोजगारों को योग्यता नुसार क्षेत्र में संचालित संयंत्रों में रोजगार मुहैया कराने की मांग किया। वहीं उन्होंने कहा कि संचालित उद्योग के हाथों क्षेत्रवासी हमेशा से छले जा रहे हैं ।
ज्ञात हो कि इस उद्योग लगाने के पूर्व उद्योग प्रबंधन द्वारा जुमलेबाजी लुभावने आश्वासन दिया जाता है। लेकिन उद्योग संचालित होने के पश्चात उद्योग प्रबंधन का वादा के सरोवर में गोता लगाया नजर आता है । नवीन उद्योग के स्थापना के मामले पर ग्रामीणों ने उद्योग प्रबंधन के पास शर्त रखा। वह यह कि उद्योग स्थापना के पूर्व ग्रामीणो ने रोजगार संबंधी प्रमुख मांग को लिखित में देने का मांग किया। जिसे हमेशा के भांति गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।