रायपुर 17 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान होना है। मतदान के दिन छठ महापर्व को देखते हुए प्रदेश की जनता दुविधा और परेशानी की स्थिति में हैं। चुनाव आयोग को चाहिए कि चुनाव की तिथि बढ़ाने की मांग पर संज्ञान लेते हुए इस द्विविधा से निजात दिलाएं
वहीं आम आदमी के नेता कोमल हुपेंडी ने कहा कि राजस्थान में चुनाव आयोग शादियों और देव उठनी एकादशी की वजह से तारीख में बदलाव कर 23 नवंबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाकर 25 नवंबर कर दिया है। तब छत्तीसगढ़ में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी मामला राजस्थान प्रदेश की तरह ही जनभावना से जुड़ा हुआ है। जिस पर तत्काल प्रभाव से निर्वाचन आयोग को सुनवाई करनी चाहिए।
कोमल हुपेंडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में बिहार-झारखंड के लाखों परिवार रहते हैं। ऐसे में छठ पर्व के दौरान वो छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भागीदारी नहीं कर पाएंगे। जिससे प्रदेश के मत-प्रतिशत में सीधा-सीधा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरगुजा संभाग में धूमधाम से छठ त्यौहार मनाया जाता है। छठ महापर्व के कारण हजारों लोग मतदान देने से वंचित हो जाएंगे। इसलिए तारीख को आगे बढ़ाने को कहा जा रहा है। निर्वाचन आयोग को मामले की गंभीरता को समझते हुए चुनाव तिथि को बदलकर प्रदेश की जनता को राहत देनी चाहिए।