छत्तीसगढ़रायपुर

DY CM ने भी मतदान की तारीख पर उठाये सवाल, कहा….त्योहार के बीच प्रभावित होगा मतदान प्रतिशत, छठ पर्व को लेकर BJP ने पहले ही…..

सरगुजा । छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के मतदान तिथि को लेकर अब राजनीतिक दल स्वर बुलंद करने लगे है। छठ से ठीक पहले 17 नवंबर को होने वाले मतदान में व्रती महिला-पुरूषों के नही पहुंचने की चिंता राजनीतिक दलो का सताने लगी है। बीजेपी के बाद अब प्रदेश के डिप्टी सीएम ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है। सिंहदेव ने साफ किया कि त्योहार के बीच मतदान की तारीख रखने पर शत-प्रतिशत मतदान नहीं हो सकता, जो कि चुनाव आयोग चाहता है। ऐसे में तारीख बदलना आयोग के हाथ में है। इससे पहले बीजेपी ने भी छठ महापर्व को लेकर मतदान प्रतिशत कम होने की चिंता जताते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन सौंपा था।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सहित देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में सिर्फ छत्तीसगढ़ ही 2 चरणों में मतदान होना है। पहले चरण में माओवाद प्रभावित 20 विधानसभा सीटों पर 7 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को निर्वाचन आयोग ने तय किया है। लेकिन दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले दीपावली, भाईदूज के साथ ही छठ पर्व है। ऐसे में राजनीतिक दलों को त्यौहार के कारण इसका असर मतदान पर भी पड़ने की चिंता है। रविवार को अंबिकापुर पहुंचे डिप्टी सीएम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि दूसरे चरण के मतदान की तिथि 17 नवंबर के आसपास दीपावली, भाईदूज, गोवर्धन पूजा और छठ पूजा का पर्व है।

हालांकि यह चुनाव आयोग के विवेक और सोच पर आधारित है कि किस आधार पर तारीखें तय की जा रही हैं।डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है। चुनाव आयोग हर बार शत प्रतिशत मतदान चाहता है। ऐसे में त्यौहारों के बीच शत प्रतिशत मतदान हो पाना संभव नहीं है। इस लिहाज से दूसरे चरण के मतदान को एडजस्ट करना चुनाव आयोग के हाथ में है। डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा कि त्यौहार की वजह से अगर मतदान प्रतिशत में कमी दर्ज की जाती है, तो इसका किसी एक पार्टी को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। त्यौहार सभी राजनीतिक दलों से जुड़े लोग मनाते हैं। वोट प्रतिशत प्रभावित होता है, तो इससे सिर्फ किसी एक दल पर असर होगा ऐसा नहीं है।

गौरतलब है कि पूर्वांचल का मुख्य त्यौहार छठ पर्व पूरे छत्तीसगढ़ में लाखों की संख्या में व्रती महिलांए और पुरूष मनाते है। इस वर्ष 17 नवंबर से ही इस पर्व की शुरूवात नहा-खाये के साथ शुरू होगा। ऐसे में राजनीतिक दलों को इस बात की चिंता है कि 17 नवंबर को मतदान होने पर व्रती महिलांए मतदान देने नही पहुंचेगी। इससे पहले भाजपा ने छत्तीसगढ़ के चीफ इलेक्शन अधिकारी को ज्ञापन भेजकर दूसरे चरण के मतदान की तिथि बदलने की मांग कर चुकी है। बीजेपी ने छठ महापर्व के पहले दिन मतदान तिथि निर्धारित होने से इसका सीधा असर मतदान प्रतिशत पर पड़ने की वजह बतायी है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि राजस्थान की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में चुनाव की तारीखों में बदलाव किया जाता है, या फिर निर्वाचन आयोग अपने फैसले पर कायम रहता है। ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

 

 

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