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छत्तीसगढ़ में इस साल पहली बार बायोमेट्रिक प्रणाली से होंगी धान खरीदी

रायपुर। राज्य के किसानों के लिए जरूरी सूचना है। छत्तीसगढ़ में इस साल पहली बार बायोमेट्रिक प्रणाली से धान खरीदी होने वाली है। इसके लिए आधारकार्ड से पहचान और पंजीयन किया जा रहा है। किसानों (farmers)के मामले में इस बात की संभावना है कि खेती के काम करने की वजह से उनकी फिंगरप्रिंट लेने में मुश्किल आ सकती है। अब सरकार ने यह व्यवस्था बनाई है कि ऐसे मामलों में किसानों का आईरिस स्कैन या चेहरे के आधार पर अधिप्रमाणन किया जाएगा।

आईरिस स्कैन का मतलब है आंखों को स्कैन करना। इसमें आंखों की पुतलियों (रेटिना) की फोटो ली जाती है। माना जाता है कि किसी व्यक्ति की आईरिस का पैटर्न भी जीवनभर बिल्कुल वैसा ही बना रहता है। आईरिस पहचान तकनीक सभी बायोमेट्रिक सत्यापन विधियों के बीच सुरक्षित, विश्वसनीय और त्रुटिमुक्त सत्यापन प्रक्रिया साबित होती है। नतीजतन, आईरिस सुरक्षा प्रणाली को मानव रेटिना को ध्यान में रखते हुए किसी व्यक्ति को पहचानने का सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता है। आईरिस पहचान बायोमेट्रिक समाधान अत्याधुनिक बायोमेट्रिक तकनीक का उपयोग करती है, जो गहन सटीकता के साथ गहन सुरक्षा समाधान प्रदान करता है।

राज्य में 1 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी के लिए 31 अक्टूबर तक किसानों का पंजीयन किया जाना है। सरकार ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है। दरअसल आधारकार्ड के माध्यम से किसानों का पंजीयन किया जाना है। किसानों से उनका धान बायोमेट्रिक प्रणाली के आधार पर लिया जाना है। जिन किसानों के पास आधारकार्ड नहीं है, उनके लिए सरकार आधारकार्ड बनवाने की व्यवस्था भी कर रही है, लेकिन अगर किसान के हाथों से उसकी उंगलियों के निशान मिट गए हों तो अधिप्रमाणन नहीं हो पाएगा। किसानों को इस परेशानी से बचाने के लिए अब अधिप्रमाणन को आसान बनाने उचित कदम उठाए जाएंगे।

इस संबंध में राज्य सरकार ने साफ किया है कि खराब फिंगरप्रिंट गुणवत्ता के मामले में अधिप्रमाणन के लिए आईरिस स्कैन या फेस (चेहरा) अधिप्रमाणन की सुविधा को अपनाया जाएगा, जिससे खाद्य विभाग अपनी क्रियान्वयन एजेंसी के माध्यम से आईरिस स्कैनर या फेस अधिप्रमाणन के साथ-साथ फिंगरप्रिंट अधिप्रमाणन के प्रावधान करेगा। यह सिस्टम भी अगर सफल नहीं हुआ तो जहां भी संभव हो, आधार वनटाइम पासवर्ड या सीमित समय की वैधता के साथ, टाइम आधारित वनटाइम पासवर्ड, जैसी भी स्थिति हो, के द्वारा अधिप्रमाणन स्वीकार करेगा। इसके अलावा भी जहां ये सभी तरीके असफल होंगे, वहां भौतिक आधार पत्र के आधार पर लाभ दिया जा सकता है, जिसके अधिप्रमाणन का सत्यापन, आधार पत्र पर मुद्रित क्विक रिस्पांस कोड के माध्यम से किया जा सकता है। सरकार ने कहा है कि क्विक रिस्पांस कोड रीजर की आवश्यक व्यवस्था खाद्य विभाग द्वारा अपनी क्रियान्वयन एजेंसी के माध्यम से सुविधाजनक स्थानों पर उपलब्ध कराई जाएगी।

 

 

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