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अनूप नाग के समर्थन में कांग्रेस के पदाधिकारी के साथ ही कार्यकर्ताओं ने पार्टी से दिया इस्तीफा

अंतागढ़ । छत्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव के लिए सोमवार को 23 अक्टूबर को नाम वापसी का अंमित दिन था। उम्मींद थी कि कांग्रेस नाराज विधायक अनूप नाग को मना लेगी,लेकिन ऐसा नही हो सका। नाम वापसी के अंतिम दिन भी अनूप नाग अपनी बात पर अड़े रहे और नाम वापस नही लेकर कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। उधर अनूप नाग के समर्थन में कांग्रेस के पदाधिकारी के साथ ही कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में पूर्व जिला महामंत्री, प्रवक्ता अनिमेष चक्रवर्ती, युवा कांग्रेस के विधानसभा उपाध्यक्ष सूरज विश्वास समेत अन्य कार्यकर्ता शामिल हैं। इन सभी ने जिलाध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण को लेकर राजनीतिक पार्टियों का पूरा फोकस बस्तर संभाग के साथ ही राजनांदगांव की सीट पर है। टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में अंतर्कलह अभी भी जारी है। उधर अंतागढ़ से बागी हुए कांग्रेस विधायक अनूप नाग ने नाम वापसी के अंतिम दिन भी अपना नाम वापस नही लिया। कांग्रेस को उम्मींद थी कि नाग को मना लिया जायेगा। लेकिन अनूप नाग ने टिकट कटने को आत्मसम्मान से जोड़ लिया। लिहाजा नाम वापस नही लेने पर अब चुनावी मैदान में अनूप नाग भी ताल ठोकने के लिए तैयार है। उधर अनूप नाग के इस बगावत का समर्थन स्थानीय कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी कर रहे है।

सोमवार को कांग्रेस के इन सभी कार्यकर्ताओं ने प्रेस वार्ता कर अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए अनूप नाग के लिए विधानसभा चुनाव में प्रचार करने की बात कही है। आपको बता दे कि कांग्रेस ने इस बार विधायक अनूप नाग का टिकट काटकर रूपसिंह पोटाई को टिकट दिया है। जिसके बाद से कांग्रेस में खुलकर बगावत शुरू हो गई है। अनूप नाग के समर्थन में कांग्रेसियों ने रूपसिंह पोटाई का खुलकर विरोध किया था। लेकिन तब पार्टी हाईकमान को लगा था कि वे अनूप नाग को चुनाव से ठीक पहले साध लेंगे, लेकिन ऐसा हो नही सका। अनूप नाग के बागी होने के बाद जब उन्होने अपना नामांकन दाखिल किया था, तब उनके साथ ब्लॉक अध्यक्ष पंकज साहा भी नजर आए थे।

पूर्व जिला महामंत्री टुल्लू भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि टिकट वितरण के समय अंतागढ़ विधानसभा के किसी पदाधिकारी या कार्यकर्ता को भरोसे में नहीं लिया गया। कांकेर और रायपुर में बैठे शीर्ष नेतृत्व की राजनीति के कारण अनूप नाग का टिकट काट दिया गया। पूर्व जिला महामंत्री ने कहा कि इस्तीफा देने वाले सभी कार्यकर्ता अनूप नाग के लिए काम करेंगे और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराएंगे। अंतागढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के ही बागी विधायक का चुनाव मैदान में उतरने से इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होने की उम्मींद है। ऐेसे में अंतागढ़ विधानसभा से चुनावी मैदान में अनूप नाग के ताल ठोकने पर अब इस सीट का मुकाबला रोचक हो गया है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि इस सीट से बागी हुए अनूप नाग अपनी जीत बरकरार रख पाये है या फिर इसका फायदा बीजेपी को मिलता है…..ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

 

 

 

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