बागियों से निपटने के लिए बनायी ये स्ट्रेटजी, टिकट नहीं मिलने पर भी पार्टी के प्रति दिखानी होगी वाफादारी
रायपुर । भाजपा ने बागियों व नाराजगी से बचने का नया तरीका निकाला है। वैसे दावेदार या पूर्व प्रत्याशी, जिनकी नाराजगी पार्टी को भारी पड़ सकती है, उन नेताओं को पार्टी में चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। फिर चाहे बात गौरीशंकर अग्रवाल की बात करें, विधायक रजनीश सिंह की या फिर पूर्व सांसद कमलभान की। भाजपा दरअसल वैसे दावेदार या विधायक-पूर्व सांसदों को जिम्मेदारी सौंपकर ना सिर्फ उन्हें चुनाव में इंगेज रखना चाहती है, बल्कि उनकी पार्टी के प्रति वाफादारी को भी परख रही है।
वैसे दावेदार या पूर्व विधायक, जिन्हे चुनाव संचालक बनाया गया है, उनके क्षेत्र में पार्टी की हार होती है, तो ये संदेश जायेगा, कि उन्होंने वाफादारी के साथ काम नहीं किया है। जाहिर है उन नेताओं की दुविधा ये होगी, उन्हें ना चाहते हुए भी अपनी वाफादारी और प्रतिबद्धता को साबित करनी होगी और ज्यादा काम करना होगा। बात करें अगर चुनाव संचालक की, तो पार्टी ने दिग्गज नेता गौरीशंकर अग्रवाल का टिकट काटा है, उन्हें पार्टी ने चुनाव संचालक बनाया है।
वहीं बीजेपी की चुनावी स्ट्रेटजी के तहत बेलतरा से विधायक रजनीश सिंह को इस बार टिकट नहीं दिया, लेकिन चुनाव संचालक बनाया है। उसी तरह से अंबिकापुर से कमलभान सिंह को भी चुनाव संचालक बनाया गया है। अब तक चुनाव संचालकों की जो लिस्ट जारी हुई है, उसके मुताबिक पार्टी ने कई ऐसे नेताओं को चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी है। पार्टी को पता है कि अगर उन नेताओं को खाली छोड़ा गया, तो उन्हें अपनी नाराजगी दिखाने का मौका मिल जायेगा, जो पार्टी के लिए भारी पड़ सकता है।