केंद्र सरकार के इस आदेश से तो छत्तीसगढ़ के 25 जिलों के विकास पर लग जायेगा ब्रेक, जानिये इस आदेश से क्यों मची है

रायपुर । खनन प्रभावित जिलों को मिलने वाला जिला खनिज न्यास मद (DMF)अब दूसरे जिलों को स्थानांतरित नही होगा। केंद्र सरकार ने DMF को लेकर ये बड़ा बदलाव किया है। नये प्रावधान के मुताबिक DMF की राशि ना सिर्फ दूसरे जिलों को ट्रांसफर नहीं होगी, बल्कि प्रभावित जिलों को भी खर्च करने के लिए कई तरह की गाइडलाइन का पालन करना होगा। केंद्र सरकार की तरफ से लागू प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना गाईडलाईन 2024 को अब छत्तीसगढ़ में भी लागू करने की तैयारी है। गाईडलाईन के लागू होने के बाद डीएमएफ की शत प्रतिशत राशि उसी जिले के विकास में खर्च की जायेगी। जाहिर है केंद्र सरकार के इस आदेश से सूबे के उन जिलों के विकास की रफ्तार पर ब्रेक लगेगा, जिन्हें जिला खनिज न्यास मद से हर साल करोड़ों रूपये का फंड मिला करता था
नये प्रावधान से क्या कुछ बदल जायेगा
जिला खनिज न्यास मद को लेकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर गाईडलाईन में संशोधन किया गया है। खान मंत्रालय नई दिल्ली से 15 जनवरी 2024 को संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म को पत्र जारी किया गया है। इस पत्र जिला खनिज न्यास मद से मिलने वाले अरबों रूपये के खर्च को लेकर संशोधन किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी नयी गाईडलाईन के मुताबिक प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना गाईडलाईन 2024 के तहत अब डीएमएफ से प्राप्त राशि दूसरे जिलों को स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा। इसी तरह खनन प्रभावित क्षेत्र के 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र में खनिज न्यास मद की राशि में से 70 फीसदी राशि खर्च की जायेगी, जबकि खनन प्रभावित क्षेत्र के 25 किलोमीटर दूरी तक अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रो में 30 फीसदी राशि खर्च किया जायेगा।
इन जिलों के कलेक्टर को राज्य सरकार ने भेजा पत्र
खनिज विभाग के संचालक ने खनन प्रभावित कोरबा जिला सहित दंतेवाड़ा, बालोद, बलौदाबाजार,रायगढ़, कांकेर,सूरजपुर और कोरिया जिला के कलेक्टर को पत्र लिखा है। इस पत्र में केंद्र सरकार की नई गाईड लाईन को छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम 2015 में लागू करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने की जानकारी दी गयी हैै। इसके साथ ही इस नई गाईडलाईन को लागू करने के लिए प्रदेश के सभी 8 खनन प्रभावित जिलों के कलेक्टर से 10 बिन्दुओं पर जानकारी मांगी गयी है। केंद्र सरकार के इस नई गाईडलाईन को लेकर राज्य सरकार की चिंता बढ़नी लाजमी है। जानकारों की माने तो नई गाईड लाईन के जारी होने से खनिज न्यास मद से मिलने वाले अरबों रूपये से होने वाले विकास कार्य सिर्फ 8 जिलों तक ही सिमट जायेंगे।
कई जिले तो खर्च ही नहीं कर पायेंगे पूरी राशि
इनमें से कई जिले ऐसे भी है जहां की आबादी और भौगोलिक क्षेत्रफल कम है। खनन क्षेत्र की वजह से वहां सैंकड़ों करोड़ का DMF है। जाहिर है छोटे जिले जो प्रत्यक्ष तौर पर खनन क्षेत्र हैं, वहां तो चाहकर भी डीएमएफ मद की राशि पूरी तरह से खर्च नही किया जा सकेगी। वहीं आस-पड़ोस के जिलों को डीएमएफ मद से फंड स्थानांतरण पर पाबंदी लगने से इसका सीधे तौर पर आर्थिक असर राज्य सरकार पर पड़ेगा। क्योंकि इससे पहले डीएमएफ मद से प्रदेश के लगभग अधिकांश जिलों को कुछ प्रतिशत हिस्सा देकर उन जिलों के विकास को आसानी से रफ्तार दी जाती थी। लेकिन नई गाईडलाईन के लागू होने से प्रदेश के 25 जिलों के विकास के लिए फंड की व्यवस्था का अतिरिक्त बोझ सीधे राज्य सरकार पर आयेगी।
ऐसे में केंद्र सरकार की इस नई गाईडलाईन को लेकर जहां खनन प्रभावित 8 जिले के जन प्रतिनिधि,अफसर और जनता तो खुश है। लेकिन इस नई गाईडलाईन ने सरकार की चिंता जरूर बड़ा दी है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि डीएमएफ मद मे होने वाले नये संसोधन को लेकर सूबे की साय सरकार केंद्र सरकार से नियमों में अतिरिक्त संसोधन को लेकर चर्चा करती है। या फिर केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना 2024 आने वाले दिनों में बिना किसी परिवर्त के लागू होती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।