दंतेवाड़ा। व्यक्तिगत त्रासदी को किनारे कर एक दंपत्ति ने मतदान कर जो मिसाल पेश की है वो वाक़ई काबिल ए तारीफ़ है। मतदान के कर्तव्य को पूरा करने एक व्यक्ति ने अपने गंभीर बीमार बच्चे को अस्पताल में किसी और के भरोसे छोड़ दिया। वही उसकी पत्नी एक बच्चे की दो दिन पहले हुई मौत का मातम मना रही थी। जगदलपुर अस्पताल में बीमार बच्चे को छोड़, अपनी पत्नी को साथ लेकर मतदान केंद्र पहुँच दोनों ने मतदान किया।
इसके बाद उसने अपनी पत्नी को घर पर छोड़ा और जगदलपुर अस्पताल के लिये निकल पड़ा, लेकिन रास्ते में ही दूसरे बच्चे की मौत की खबर भी आ गई । दरअसल दंतेवाड़ा के रहने वाले भागवत सलामे की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर उसने अपनी पत्नी को ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया, 4 नवंबर को उसने अपनी पत्नी तुक़ेश्वरी को अस्पताल में भर्ती कराया था।
उसकी पत्नी सात महीने की गर्भवती थी, तुकेश्वरी को प्री मैच्योर बेबी हुए। उसने दो बच्चों को एक साथ जन्म दिया। जन्म के कुछ ही घंटों बाद एक बच्चे की मौत हो गई। दूसरे बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रेफर कर दिया। 5 नवंबर को भागवत सलामे अपने गंभीर बच्चे को लेकर जगदलपुर पहुँचा। 6 नवंबर को एक बच्चे की मौत के बाद पत्नी की हालत में थोड़ी सुधार होता देख डॉक्टरों ने उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी।