छत्तीसगढ़

राजधानी में नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति पर भाजपा पार्षदों ने कमेटी से दिया इस्तीफा

रायपुर। राजधानी रायपुर के गोलबाार के नौ सौ से अधिक दुकानदारों को उनकी दुकानों का मालिकाना हक देने के लिए बनी पांच सदस्यीय कमेटी से नगर निगम के भाजपा पार्षद सूर्यकांत राठौर और डा.प्रमोद साहू ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। दरअसल नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने इस कमेटी के गठन पर आपत्ति जताई थी, लिहाजा दोनों भाजपा पार्षदों ने सभापति प्रमोद दुबे को लिखे गए पत्र में कहा है कि नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति को देखते हुए हमारा समिति में बने रहना उचित नहीं है। इस मामले को लेकर फिर से निगम की सत्ता और विपक्ष के बीच राजनीति गरमा गई है।

रायपुर नगर निगम के सचिवालय के सचिव आरके डोंगरे ने शुक्रवार को निगम सभापति प्रमोद दुबे के आदेश पर गोलबाजार के व्यस्थापन को लेकर पांच सदस्यीय पार्षदों की समिति गठित की थी। प्रभारी राजस्व विभाग अंजनी राधेश्याम विभार की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में एमआइसी सदस्य ज्ञानेश शर्मा, श्रीकुमार मेनन, भाजपा के वरिष्ठ पार्षद सूर्यकांत राठौड़ और डा.प्रमोद कुमार साहू को शामिल किया गया था।

यह कमेटी गोलबाजार के मालिकाना हक के संबंध में की गई कार्रवाई में आवश्यकतानुसार सुझाव, अन्य नियमों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने में सहयोग करने वाली थी। लेकिन गठित कमेटी पर नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने आपत्ति जता दी थी, इसके बाद पार्षद सूर्यकांत राठौड़ और डा.प्रमोद कुमार साहू ने इस्तीफा दे दिया। इस बारे में पार्षद डा.प्रमोद साहू का कहना है कि सभापति ने कमेटी गठित करने के संबंध में नेता प्रतिपक्ष से न तो कोई चर्चा की न सुझाव लिया सीधे कमेटी में हमारा नाम शामिल कर लिया। इस वजह से सूर्यकांत जी के साथ मैंने भी कमेटी से इस्तीफा दे दिया है।

नेता प्रतिपक्ष ने ही सामान्य सभा में गोलबाजार के दुकानों का मालिकाना हक देने कमेटी बनाने की मांग की थी। उसके आधार पर कमेटी गठित कर भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया था। अब दोनों पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है तो किसी अन्य पार्षद को कमेटी में शामिल किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति के बाद पार्षदों ने इस्तीफा दिया है, इससे साफ है कि उन्हें अपने पार्षदों पर ही भरोसा नहीं है। हालांकि यह उनका आंतरिक मामला है।

गोलबाजार के व्यस्थापन को लेकर बनाई गई कमेटी में भाजपा के दो वरिष्ठ पार्षदों को शामिल करना ठीक था, लेकिन जिस तरह से यह प्रक्रिया अपनाई गई, वह गलत है। कमेटी में गोलबाजार के स्थानीय जनप्रतिनिधि और पार्षद को भी शामिल करना था, लेकिन बिना पार्षद दल से कोई चर्चा किए ही मनमाने तरीके से कमेटी बना दी गई। इसका हम विरोध करते हैं।

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