रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव के बाद अब काउंटिंग में भी भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं की नजर रहेगी। वोटिंग के बाद मिल रही फीडबैक के आधार पर इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर नजर आ रही है । इसे देखते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने सभी प्रत्याशियों को काउंटिंग में सतर्कता बरतते हुए एक-एक वोट पर नजर रखने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने निर्वाचन कार्य में लगे संदेही अफसर की लिस्ट बनाकर उनकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करने को भी कहा है।
जैसे-जैसे काउंटिंग की तारीख नजदीक आती जा रही है प्रत्याशियों के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही है। सभी प्रत्याशी काउंटिंग की तैयारी में लगे हुए हैं, अपने-अपने अनुभवी कार्यकर्ताओं को मतगणना एजेंट बनकर उन्हें काउंटिंग की प्रक्रिया समझा रहे हैं। छत्तीसगढ़ भाजपा के सह चुनाव प्रभारी मनसुख मांडविया ने पिछले दिनों सभी प्रत्याशियों की वर्चुअल मीटिंग लेकर काउंटिंग की तैयारी की समीक्षा की। जिला निर्वाचन अधिकारियों कर्मचारियों के सरकार के इशारे पर काम करने की शिकायत मिलने पर उन्होंने प्रत्याशियों से संबंधित अफसर की लिस्ट बनाकर उनकी निर्वाचन आयोग से शिकायत करने की कहा है।
वोटिंग के बाद की स्थिति और काउंटिंग की तैयारियों की समीक्षा के लिए भाजपा ने अपने संभागीय प्रभारियों को संभागों में भेजा है। संभागीय प्रभारी बूथ प्रभारियों, मंडल प्रभारियों से रिपोर्ट ले रहे हैं। इसके अलावा वरिष्ठ नेताओं ने प्रत्याशियों और काउंटिंग एजेंटों को पूरी गिनती तक टेबल नहीं छोड़ने निर्देश दिए हैं।
इस पर कांग्रेस का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को अपनी हार दिखाई दे रही है इसलिए वे निर्वाचन अधिकारियों की शिकायत कर हार का बहाना तैयार कर रहे है। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय का कहना है कि चुनाव के बाद की स्थिति से भाजपा में बेचैनी बढ़ गई है। उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि उनकी सरकार नहीं बन रही है।
चुनाव में पूरी ताकत झोंकने के बाद अब काउंटिंग में भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां किसी प्रकार की कोई कसर बाकी रखना नहीं चाहती है , शायद यही वजह है कि दोनों पार्टी के राष्ट्रीय नेता काउंटिंग की तैयारी में भी जुटे हुए हैं। अपने अपने काउंटिंग एजेंटों को ट्रेनिंग दे रहे हैं ।