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छतीसगढ़ में मंत्री नहीं बचा पाए अपनी साख : चुनावी रण में 9 मंत्रियों को मिली करारी शिकस्त, उप मुख्यमंत्री सिंहदेव भी हारे

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों के लिए मतगणना परिणाम के करीब पहुंच चुकी है। जिसके मुताबिक प्रदेश के 9 मंत्री अपने निकट प्रतिद्वंदी से मात खा गए हैं। इनमें अंबिकापुर से उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव साजा से रविन्द्र चौबे, कवर्धा से मोहम्मद अकबर, आरंग से शिवकुमार डहरिया, कोंडागांव से मोहन मरकाम, सीतापुर से अमरजीत भगत, नवागढ़ से रुद्र गुरु और कोरबा से जय सिंह अग्रवाल चुनाव हार गए हैं।

टीएस सिंहदेव (अंबिकापुर )

अंबिकापुर विधानसभा सीट पर 2008 से कांग्रेस का दबदबा बरकरार रहा है। लेकिन इस बार यहां कांग्रेस का जादू नहीं चला। उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव  यहां से हार गए हैं। भाजपा ने यहां से राजेश अग्रवाल को सिंहदेव के खिलाफ खड़ा किया था। 2018 चुनाव की बात की जाए तो अंबिकापुर में कांग्रेस के टीएस सिंहदेव ने तीसरी बार 100439 वोटों से जीत दर्ज की थी। टीएस देव ने अनुराग सिंह देव को 39624 वोट से हराया था।

रविंद्र चौबे (साजा)

साजा विधानसभा बेमेतरा जिले की महत्वपूर्ण सीट है. ये प्रदेश के शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता रविंद्र चौबे  की सीट है. वे यहां से लगातार चुनाव लड़ते रहे हैं. लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2018 में रवीन्द्र चैबे ने बीजेपी उम्मीदवार लाभचंद बाफना को हराया था. 2018 में यहां कुल 79.8 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस चुनाव में रवीन्द्र चौबे ने लाभचंद बाफना को 31535 वोटों से हराया था। जो कि कुल वोट का 17.6 प्रतिशत था इस बार भाजपा ने यहां से इश्वर साहू को उम्मीदवार बनाया है बता दें कि बीते महीनों ये सीट बिरनपुर घटना को लेकर चर्चा में थी।

मोहम्मद अकबर (कवर्धा)

कबीरधाम जिले का जिला मुख्यालय होने की वजह से कवर्धा सीट काफी चर्चित सीट है।2018 में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद अकबर ने बीजेपी के अशोक साहू को हराया था। पिछले चुनाव में यहां 82.2% वोटिंग हुई थी। जिसमें मोहम्मद अकबर ने अशोक साहू को 24.7% वोटों के मार्जिन (59284 वोटों से) से हराया था। लेकिन इस बार मोहम्मद अकबर यहां से हार गए हैं।

शिव कुमार डहरिया (आरंग)

प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया यहां से वर्तमान विधायक हैं। लेकिन अब वे यहां से चुनाव हार चुके हैं। आरंग  विधानसभा सीट से साल 2018 में शिवकुमार डहरिया ने बीजेपी उम्मीदवार संजय ढीढी को हराया था। पिछले चुनाव में यहां 76.1 प्रतिशत मतदान हुआ था।2018 में डहरिया ने संजय ढीढी को 25077 वोटों से हराया था। इस यहां कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। भाजपा ने यहां गुरु खुशवंत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। जो कि सतनामी समाज के गुरु हैं। चूंकि शिव डहरिया भी इसी समाज से आते हैं, इस लिहाज से यहां का मुकाबला भी देखने लायक था।

जयसिंह अग्रवाल (कोरबा)

कोरबा  सीट अनारक्षित सीट है। यह कोरबा का जिला मुख्यालय भी है। प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवालयहां से वर्तमान विधायक हैं। जो कि ये चुनाव हार चुके हैं। 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार जयसिंह अग्रवाल ने बीजेपी उम्मीदवार विकास महतो को हराया था यहां 71.1 प्रतिशत मतदान हुआ था। जयसिंह अग्रवाल  ने विकास महतो को 11806 वोटों से से हराया था। इस बार भाजपा ने यहां से लखन देवांगन को मौका दिया था।

गुरु रुद्र कुमार (नवागढ़)

नवागढ़ सीट बेमेतरा जिले में आती है। जो कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। वर्तमान में कांग्रेस के गुरुदयाल बंजारे यहां से विधायक हैं। लेकिन इस बार पार्टी ने यहां से प्रदेश के पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार को टिकट दी थी। जो कि पार्टी के लिए गलत फैसला साबित हुआ और वे यहां से चुनाव हार गए।रुद्र गुरु सतनामी समाज के गुरु हैं और समाज का बड़ा चेहरा हैं। 2018 में कांग्रेस के गुरुदयाल सिंह बंजारे ने बीजेपी उम्मीदवार पूर्व मंत्री दयालदास बघेल को हराया था। 2018 में यहां 72.2 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। गुरुदयाल सिंह बंजारे ने दयालदास बघेल को 33200 वोटों से हराया था।

अमरजीत भगत (सीतापुर)

सरगुजा की सीतापुर  विधानसभा सीट खास सीटों मे से एक है. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत यहां से वर्तमान विधायक हैं।लेकिन वे इस बार यहां से चुनाव हार गये हैं। 2018 में अमरजीत भगत ने भाजपा प्रत्याशी प्रोफेसर गोपाल राम को हराया था। पिछले चुनाव में यहां 78.5 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। अमरजीत भगत  ने प्रोफेसर गोपाल राम को 36137 वोटों से हराया था। इस बार अमरजीत भगत के खिलाफ भाजपा ने राम कुमार टोप्पो को उम्मीदवार बनाया था।

मोहन मरकाम (कोंडागांव)

कोण्डागांव सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री मोहन मरकाम  यहां से वर्तमान विधायक हैं। ये भी यहां से चुनाव हार गए हैं। 2018 में मोहन मरकाम ने बीजेपी की लता उसेंडी को हराया था। यहां 80.7 प्रतिशत मतदान हुआ था। मोहन मरकाम ने लता उसेंडी को 1796 वोटों से हराया था। इस बार भाजपा ने यहां से फिर से लता उसेंडी पर भरोसा जताया था।

 

 

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