रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत पा लिया है। ज्यादातर दिग्गज नेता चुनाव जीतकर आए हैं। हाल यह है कि बीते कई दिन से मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर जबर्दस्त चर्चाओं का बाजार गर्म है। डा. रमन सिंह, रेणुका सिंह, विष्णुदेव साय, रामविवार नेताम और प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव से लेकर ओपी चौधरी तक, आधा दर्जन नाम चर्चा में हैं।
इससे भी ज्यादा कशमकस भारतीय जनता पार्टी को कैबिनेट का स्वरूप तय करने में हो सकती है। वजह वही… दिग्गज इतनी संख्या में जीतकर आ गए हैं कि किसे रखें और किसे छोड़ें… यह फैसला आसान नहीं होगा। पार्टी को एससी, एसटी, ओबीसी से लेकर सामान्य वर्ग को साधने के साथ 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह चयन करना है। मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों के कुल 3 पद हैं। लेकिन डेढ़ दर्जन से अधिक दावेदार हैं। इन सबको साधते हुए संतुलित मंत्री मंडल बनाने की परंपरा का निर्वहन भी भाजपा नेतृत्व को करना है।
ओबीसी से ये हो सकते हैं मंत्री
भाजपा में ओबीसी वर्ग से चुनाव जीतकर आने वाले कई नेता शामिल है। प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल प्रमुख नेताओं में एक है। उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैलिक समुदाय की ओर से लामबंदी की जा रही है। ओबीसी में कुर्मी समुदाय से आने वाले वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक इस बार मंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं। उनके अलावा पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और पूर्व आईएएस ओपी चौधरी को मंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। वे पहली बार विधानसभा चुनाव जीते हैं।
सामान्य वर्ग से ये हैं दावेदार
भाजपा सरकार में सामान्य वर्ग के जीते हुए प्रत्याशियों में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का नाम मुख्यमंत्री के दावेदारों में शामिल हैं। इस वर्ग से मंत्री पद के दावेदारों में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल और राजेश मूणत शामिल हैं। हालांकि सामान्य वर्ग से कई और वरिष्ठ विधायक और कुछ नए दावेदार भी हैं, लेकिन वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर ये नाम प्रमुख माने जा रहे हैं।
एसटी में दावेदारों की फौज
‘एसटी वर्ग में बस्तर और सरगुजा से कई नेता जीतकर आए हैं। इनमें पूर्व मंत्री रहे लोग भी शामिल है। सरगुजा से रामविचार नेताम, विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह, और गोमती साय को दावेदार माना जा रहा है। खास बात ये है कि इन नेताओं में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में रामविचार, विष्णुदेव और रेणुका के नाम की चर्चा है। एसटी वर्ग से मंत्री पद की दावेदारी में बस्तर से पूर्व मंत्री केदार कश्यप, विक्रम उसेंडी, और लता उसेंडी शामिल है। एसटी वर्ग से सात दिग्गज ऐसे हैं जिनमें से किसी को भी नजरंदाज किया जाना भारतीय जनता पार्टी के लिए कठिन होगा।
एससी वर्ग से ये दावेदार
एससी वर्ग की बात की जाए तो पूर्व मंत्री पुन्जूलाल मोहले, दयालदास बघेल इस बार फिर चुनाव जीतकर आए हैं। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए सतनामी समाज के गुरू खुशवंत साहेब को भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा है। बताया गया है कि उन्हें मंत्री बनवाने के लिए सतनामी समाज का दबाव भी है। लिहाजा एससी वर्ग से ये दो दावेदार मंत्री पद के लिए है। गुरू खुशवंत ने मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया को हराया है। इस बात की संभावना से इनकार नहीं की सतनामी समाज के दो वरिष्ठ नेताओं की जगह पहली बार चुनाव जीतने वाले गुरू को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाए।