छत्तीसगढ़

महिलाओं को पेड पीरियड लीव नहीं दी जानी चाहिए… स्मृति ईरानी ने संसद में दिया जवाब

नई दिल्ली  पीरियड लीव यानी मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को छुट्टी मिलनी चाहिए या नहीं? पेड पीरियड लीव पर मोदी सरकार की सोच क्या है? क्या सरकार इस पर कोई प्रावधान लाने पर विचार कर रही है? ये सवाल संसद में उठा, जिसका जवाब महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने दिया है. स्मृति ईरानी ने कहा कि मासिक धर्म यानी पीरियड कोई बाधा नहीं है. जिन्हें पीरियड नहीं होता, उन्हें ऐसे मुद्दों का प्रस्ताव नहीं देना चाहिए.

दरअसल 13 दिसंबर को राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने स्मृति ईरानी से पीरियड पर सवाल किया था. उन्होंने कहा कि बिहार पीरियड लीव देने वाला पहला राज्य था. उन्होंने स्मृति ईरानी से सवाल करते हुए पूछा कि सरकार ने क्या प्रावधान किए हैं कि वो महिला कर्मचारियों को अनिवार्य तौर पर पेड पीरियड लीव दें?

स्मृति ईरानी ने दिया जवाब

स्मृति ईरानी ने मनोज झा की बात का जवाब देते हुए कहा कि यह महिलाओं की जिंदगी का हिस्सा है और इसको हमें दिव्यांगता की तरह नहीं देखना चाहिए… यह देखते हुए कि महिलाएं आज ज्यादा से ज्यादा आर्थिक अवसरों को विकल्प चुन रही हैं. मैं इस पर अपनी व्यक्तिगत विचार रखूंगी कि हमें ऐसे मुद्दों पर प्रस्ताव नहीं रखना चाहिए जहां महिलाओं को समान अवसरों से वंचित किया जाता है.

इससे पहले शशि थरूर ने भी 8 दिसंबर को लोकसभा में पीरियड लीव पर सवाल किया था. उन्होंने सवाल पूछा था कि क्या सरकार सभी वर्कप्लेस के लिए पीरियड लीव का प्रावधान अनिवार्य करने पर विचार कर रही है?

इस पर स्मृति ईरानी ने कहा था कि मासिक धर्म एक प्रक्रिया है. इसमें कुछ महिलाओं को कम तो कुछ को ज्यादा समस्या होती है. ये अधिकतर मामलों में दवा से कंट्रोल किया जा सकता है. फिलहाल सभी वर्कप्लेस पर पेड पीरियड लीव अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव पर विचार नहीं किया गया है.

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