छत्तीसगढ़

शिक्षकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, फर्जी सर्टिफिकेट मामले में 3-3 साल की सजा, जुर्माना भी लगाया गया

गरियाबंद|छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी कर रहे 11 शिक्षाकर्मियों पर बड़ा एक्शन हुआ है। जानकारी के मुताबिक व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रशांत कुमार देवांगन ने फैसला सुनाते हुए 11 शिक्षाकर्मियों को तीन, तीन साल की सजा सुनाई है, साथ ही सभी पर एक, एक हज़ार का अर्थदंड भी लगाया गया है। इन शिक्षकों को नौकरी से पहले ही बर्खास्त कर दिया गया था।

जानकारी के मुताबिक आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण कुमार साहू की शिकायत पर बड़ी कार्रवाई हुई है। जानकारी के मुताबिक उन्होंने 2008,09 के शिक्षाकर्मी चयन में फर्जीवाड़ा को लेकर गरियाबंद के मैनपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मामले की जांच चल रही थी..वहीं जांच के दौरान यह पाया गया कि शिक्षाकर्मी भर्ती के दौरान b.ed, d.ed का फर्जी प्रमाण पत्र लगाए थे और उसी के सहारे नौकरी कर कर रहे थे। इधर शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई की गई है।

साल 2008- 09 का है, इस दौरान प्रदेश में आई शिक्षा भर्ती में कुछ लोगों ने गड़बड़ी की थी और फर्जी तरीके से उनका चयन हो गया था। इस दौरान चयनित अभ्यर्थी BED, DED का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर शिक्षक बन गए थे. इसकी भनक लगने के बाद मैनपुर थाने में RTI कार्यकर्ता कृष्ण कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए गरियाबंद के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 3 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा 1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. बता दें कि फर्जीवाड़े में दो महिलाएं भी शामिल हैं।

 

 

 

 

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