छत्तीसगढ़

CG में कई साल से नियमितीकरण की मांग: पधिकारियों ने मुख्यमंत्री से कहा- बंधुआ मजदूर से बदतर स्थिति हो गई है

रायपुर। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद अब यहां के अनियमित कर्मचारियों की आश भी बढ़ गई है। अनियमित कर्मचारी संघ के पदाधिकारी अपनी मांगों को पूरा कराने और मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे है। संगठन के पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और मांगों को लेकर चर्चा भी की।

प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने कहा कि, छत्तीसगढ़ प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण, स्थायीकरण, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, न्यून मानदेय कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिए जाने, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने, आउट सोर्सिंग, ठेका, सेवा प्रदाता सिस्टम बंद करने छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारियों के पदाधिकारी माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपा एवं अनुरोध किया कि प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को भारतीय जनता पार्टी कि सरकार से बहुत ज्यादा उम्मीद है।

उन्होंने बताया कि, मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों की बातों को गंभीरता से सुना एवं ज्ञापन को पढ़ा तथा आवश्यक कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया। पदाधिकारियों ने अभिनन्दन कार्यक्रम हेतु समय माँगा जिसपर उनके द्वारा पृथक से अवगत कराने कि बात कही।

पदाधिकारी बोले- अन्याय चुप-चाप सह रहे है

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में अनियमित कर्मचारी जैसे-आउट सोर्सिंग (प्लेसमेंट), सेवा प्रदाता, ठेका, जाबदर, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, मानदेय, अशंकालिक के रूप विगत 5, 10, 15, 20, 25 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत है। ये अनियमित कर्मचारी प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। सामान कार्य करने के बावजूद ये नियमित कर्मचारी से आधे से कम वेतन में कार्य करने विवश है। वर्तमान में इनकी स्थिति मध्यकालीन बन्धुआ मजदूर से बदतर है। बेरोजगारी, आर्थिक असुरक्षा, पारिवारिक जिम्मेदारी, प्रशासनिक दबाव के कारण ये अनियमित कर्मचारी अपने विरुद्ध हो रहे अन्याय चुप-चाप सह रहे है। उपरोक्त कारणों से समाज के पढ़े-लिखे नव-युवा/युवतियां मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे है।

छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा, अपने 87 सहयोगी अनियमित संगठनों (जिसकी संख्या 3 लाख से अधिक है) के साथ मिलकर अपने अधिकार के लिए निरंतर संघर्ष रत है। प्रतिनिधि मंडल में गोपाल प्रसाद साहू संयोजक, प्रेम प्रकाश गजेन्द्र, सह संयोजक एवं राजेश गुप्ता उपाध्यक्ष प्रमुख रूप से सम्मिलित थे।

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