रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सूरजपुर जिले के जमदेई में आयोजित ’अखिल भारतीय बिंझिया समाज के महासम्मेलन और अभिनंदन समारोह’ को सम्बोधित करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की सहृदयता से बिंझिया जाति सहित 12 जातियों को जनजाति का दर्जा मिला। वर्षाें से बिंझिया समाज जनजाति का दर्जा प्रदान करने के लिए मांग कर रहा था। उन्होंने कहा कि मांग के प्रति संवेदनशीलता दिखते हुए प्रधानमंत्री जी ने बिंझिया समाज सहित बारह जातियों को जनजातियों की सूची में शामिल किया, इन जातियों को विकास की मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर मिला। आज बहुत खुशी है कि बिंझिया समाज सहित 12 जातियों के बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बन रहा है और शासन की योजनाओं का लाभ इन वर्गों को मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार, सांसद रहते हुए मैंने स्वयं और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि आज इन वंचित समुदायों को उनका हक मिला है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वे जब केंद्र में राज्यमंत्री थे। तब उन्होंने लगातार बिंझिया समाज सहित 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने के लिए लगातार प्रयास किए थे। उन्होंने बताया कि लोकसभा व राज्यसभा में इस वर्ग की पीड़ा और समस्याओं को संसद में जोर-शोर से उठाया गया ताकि आदिवासी भाई-बहनों के साथ न्याय हो सके। उन्होंने 12 जातियों को जनजातियों की सूची में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रति आभार प्रकट किया।
जमदेई में 20 लाख रूपए की लागत से बनेगा सामुदायिक भवन
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर मां कुदरगढ़ी मंदिर में रोप वे की स्वीकृति की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने देवीपुर महामाया मंदिर से पंपापुर रोड चौड़ीकरण के लिए 4.5 करोड़ रुपए, देवीपुर से नौवापर मार्ग में जोगीगुड़ा नाले में पुलिया निर्माण के लिए 3 करोड़ रूपए की स्वीकृति, 50 सीटर बालिका छात्रावास की मंजूरी तथा जमदेई में 20 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक भवन की स्वीकृति की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मोदी की गारंटी में किए गए हर वायदे को पूरा करेंगे। हमने शपथ ग्रहण करने के बाद केबिनेट की पहली बैठक में 18 लाख परिवारों को पक्का मकान देने की स्वीकृति का ऐतिहासिक निर्णय लेकर मोदी की गारंटी को पूरा करने की शुरूआत की। दूसरा वायदा पूरा करते हुए सुशासन दिवस के अवसर पर 12 लाख से अधिक किसानों को दो वर्ष के बकाया धान बोनस की 3716 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किसानों के खाते में किया। मोदी जी की गारंटी के तहत किसानों के धान को 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से 3100 रुपये प्रति किवंटल की दर से खरीद रहे हैं, श्री साय ने कहा कि जो किसान समर्थन मूल्य पर धान बेच चुके है, उन्हें अंतर की राशि का भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद हमने 25 दिनों के भीतर ही पीएससी के घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। वायदे के अनुसार विवाहित माताओं को सालाना 12000 रुपए देने की महतारी वंदन योजना शुरू करेंगे, गरीबों को 500 में गैस सिलेंडर, गरीब भूमिहीन मजदूरों को सालाना 10 हजार रूपए की सहायता राशि दी जाएगी। तेंदूपत्ता की खरीदी 5500 रूपए प्रति मानक बोरा के मान से की जाएगी। वनवासी भाईयों के हित में सब काम होंगे, एक लाख से ज्यादा बैकलॉग के पद खाली हैं उन्हें भी जल्दी ही भरेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने बहुत ज्यादा कर्ज से राज्य को लाद दिया है लेकिन हमारी नीति और नीयत सही है, हम सभी के हित में काम करेंगे। सरगुजा संभाग में मिले व्यापक जनसमर्थन को देखते हुए सरगुजा संभाग से तीन मंत्री बने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना शुरू की। जिसके कारण लोगों को भूखे पेट नहीं रहना पड़ा, सभी को भोजन मिला डॉ. रमन सिंह जी चाउर वाले बाबा कहलाए।
मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम में बिंझिया समाज ने आदिवासियों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रदेश के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री श्री साय का अभिनंदन किया और गदा भेंट कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्र के विकास के लिए 27 करोड़ 72 लाख रूपए की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया तथा शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत हितग्राहियों को सामग्री और सहायता राशि के चेक वितरित किए।
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरगुजा अंचल ने एक इतिहास रचा है, यहां की जनता ने जो आशीर्वाद दिया, आज सरगुजा का बेटा प्रदेश का मुखिया बना है, यह गर्व की बात है। डॉ सिंह ने कहा हमारे कार्यकाल में बिंझिया समाज सहित 12 जातियों के मात्रात्मक त्रुटि के निराकरण करने के लिए विशेष प्रयास किए थे और उसी का परिणाम रहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 में इन वर्गों के साथ न्याय करते हुए इन जातियों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल किया। इस फैसले से इन जातियों के लगभग 25 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। मात्रात्मक त्रुटि के कारण बिंझिया समाज के लोगों को जनजातियों को मिलने वाले लाभ नहीं मिल पा रहे थे। डॉ. सिंह ने कहा कि बिंझिया समाज द्वारा आज ऐतिहासिक आयोजन किया गया। इस समाज के लोगों ने भाव-विभोर होकर मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया।
बिंझिया जाति को जनजाति का दर्जा दिलाने में प्रधानमंत्री श्री मोदी का महत्वपूर्ण योगदान-
समाज के महासम्मेलन में पहुंचे साठ वर्षीयभगवान राम सिरदार व पैंसठ वर्षीय बेचन राम ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि बिंझिया समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने में महत्वपूर्ण योगदान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। उन्होंने बताया कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से बिंझिया समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की जा रही थी। मात्रात्मक त्रुटि होने के कारण अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलने वाले लाभ से इस तबके को वंचित होना पड़ा था। उन्होंने बताया कि बिंझिया समाज कृषि, मजदूरी के कार्य से जुड़े हैं। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर इस समाज में शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति अब विशेष जागरूकता आने लगी है।
इस समाज को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में लाने के लिए लगातार प्रयासरत रहे। वर्ष 2011 में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस समाज की पीड़ा को महसूस किया और भारत सरकार को बिंझिया सहित 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा। प्रधानमंत्री जी की सहृदयता से वर्ष 2022 में लोकसभा व राज्यसभा में बिंझिया समाज सहित बारह जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सहमति मिली और 2022 में राजपत्र में इस बाबत प्रकाशन हुआ। महासम्मेलन में बिंझिया जाति को जनजाति का दर्जा दिलाने के लिए समाज ने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया है।