सरगुजा में कार्यकर्ता सम्मान सम्मेलन से रेणुका सिंह ने बनायी दूरी, पार्टी के कार्यक्रम से दूरी बनाये जाने पर गरमायी राजनीति,पूर्व मंत्री अमरजीत ने किया पलटवार…..
अंबिकापुर 10 जनवरी 2023। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की रेस से बाहर होने के बाद विधायक रेणुका सिंह पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बनाती नजर आ रही है। ताजा मामला सरगुजा संभाग में आयोजित कार्यकर्ता सम्मान समारोह का है, यहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ सरगुजा संभाग के 14 विधानसभा में 13 विधायक कार्यक्रम में मौजूद थे। लेकिन रेणुका सिंह पूरे कार्यक्रम में नदारद नजर आयी। लिहाजा पार्टी के कार्यक्रम से रेणुका सिंह के दूरी बनाये जाने पर सवाल उठने लगे है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रचंड जीत और सरगुजा संभाग में 14 में से 14 सीट जीतने के बाद सरगुजा संभाग से मुख्यमंत्री की प्रबल दावेदारी थी। एक वक्त तक मुख्यमंत्री के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री रही रेणुका सिंह के नाम पर राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली तक नाम की लहर चल गयी थी। लेकिन कयास और अनुमान के बाजाम में बीजेपी ने विष्णुदेव साय का नाम फाइनल कर विराम लगा दिया था। इसके बाद रेणुका सिंह को कैबिनेट में अहम स्थान मिलने की उम्मींद थी, लेकिन साय सरकार में रेणुका सिंह को वो भी नही मिल सका।
लिहाजा इन सारे फैसलों के बाद से ही रेणुका सिंह लगातार नाराज चल रही है और पार्टी कार्येक्रमों से कटी हुई है। ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि चुनाव में बंपर जीत के बाद सीएम का दौरा दो बार सरगुजा संभाग के अलग-अलग इलाको में हुआ। जहां संभाग के सभी 14 विधायकों में से 13 विधायक मौजूद थे। लेकिन रेणुका न तो अंबिकापुर कार्यकर्ता सम्मान सम्मलेन में मौजूद थी और न ही सुरजपुर जिले में सामाजिक सम्मेलन में शामिल होने पहुंची। ऐसे में जब सीएम विष्णुदेव साय से इसे लेकर सवाल किया गया, तो विष्णु देव इस मामले को टालते हुए नजर आए।
उधर पार्टी से नाराज चल रही रेणुका सिंह का कार्यक्रमों में लगातार गैर मौजूदगी को लेकर अब कांग्रेस बीजेपी पर तंज कश रही है। कांग्रेस के नेता अब यह भी कह रहे है कि भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा, इसे लेकर पूर्व खाद मंत्री अमरजीत भगत ने बयान देते हुए कह दिया कि रेणुका सिंह का नाम सीएम की रेस में था, लेकिन उन्हें मंत्री भी नहीं बनाया गया। अमरजीत भगत यहीं नही रूके उन्होने बीजेपी के पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता राजेश मूढ़त, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक को मंत्रिमंडल में शामिल नही किये जाने पर सवाल उठाये।