छत्तीसगढ़

BJP के ताबड़तोड़ ऐलान.. कांग्रेस का क्या है प्लान? एक कदम आगे चल रही भाजपा

रायपुर : चुनाव में बीजेपी एक-एक करके कांग्रेस से सभी मुद्दे छीनती जा रही है। संगठन स्तर पर तैयारी हो या फिर सरकार के स्तर पर फैसले बीजेपी, हर मोर्चे पर कांग्रेस से एक कदम आगे दिखने लगी है। दूसरी तरफ कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट पहली बार प्रदेश आ रहे हैं जिससे पार्टी को काफी उम्मीदें हैं। बुधवार को साय कैबिनेट ने तय किया कि पर्यटन विभाग के जरिए प्रदेशवासियों को अयोध्या दर्शन योजना शुरू की जाएगी। यहां सवाल ये है कि बीजेपी की ताबड़तोड़ तैयारी के सामने क्या है कांग्रेस का जीत का प्लान?

छत्तीसगढ में लोकसभा की 11 सीटों पर जीत के लिए बीजेपी पूरी तरह से एक्शन मोड में है। सत्ता और संगठन दोनों स्तर पर बीजेपी त्वरित फैसलों से चुनावी मैदान में कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढाती जा रही है। प्रदेश के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धान के दाम घेरने की कोशिश की, कहा कि आदिवासी होते हुए भी CM झूठ बोल रहे हैं। किसानों से छल कर रहे हैं धान का 31 रूपये दाम का वायदा कर सत्ता में आए और अब किसानों को 21 सौ रूपये दिए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस इसे मुद्दा बनाए इसके पहले ही साय सरकार ने इस पर बड़ी घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री, साय ने बुधवार को रायपुर में आयोजित कार्यकर्ता अभिनंदन समारोह के दौरान मंच से किसानों को धान के अंतर की राशि जल्द ही देने की घोषणा कर दी। जबकि बीते दिन प्रदेश के डिप्टी CM अरूण साव किसानों को बीती सरकार के वक्त की न्याय योजना की चौथी किस्त देने का ऐलान कर चुके हैं।

केवल धान और किसान ही नहीं बीजेपी सरकार 2024 चुनाव से पहले, ज्यादातर मोदी की गारंटी को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ाती जा रही है। साय सरकार ने अभी तक 18 लाख गरीब परिवारों को PM आवास, किसानों को 2 साल का बकाया बोनस, महादेव एप घोटाले में कार्वराई, CG-PSC घोटाले की CBI जांच का वादा पूरा कर चुकी है और अब किसानों को 31 रूपये के हिसाब से धान के अंतर की राशि, महतारी वंदन योजना का लाभ और अयोध्या में राममंदिर दर्शन के वादे को निभाने का वादा भी पूरा होता दिख रहा है। दूसरी तरफ संगठन स्तर पर भी बीजेपी ने लोकसभा की 11 सीटों को 3 क्लस्टर- बस्तर, रायपुर और बिलासपुर कलस्टर में बांटकर प्रभारी नियुक्त कर जम्मेदारियां बांट दी हैं। जबकि इधऱ कांग्रेसी खेमें में अभी तक हार के कारणों पर मंथन का दौर चल रहा है। पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट 11 जनवरी को पहली बार छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। वो यहां कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ मैराथन मीटिंग कर लोकसभा चुनाव की प्लानिंग शुरू करेंगे

तो कांग्रेस प्रभारी के सामने हार की हताशा से पार्टी को निकालना, हार के जिम्मेदारों से निपटना, 24 के चुनाव के लिए टीम बनाकर काम शुरू कराने का चैलेंज है इधर, बीजेपी ने आदिवासी CM और बस्तर से पार्टी अध्यक्ष, बिलासपुर कल्सटर से उप-मुख्यमंत्री बनाकर 2024 के लिहाज से हर समीकरण को साधने की कवायद पहले ही पूरी कर ली है। ऐसे में सवाल है कि क्या कांग्रेस वाकई 2024 की चुनौती के लिए तैयार है, क्या नए प्रभारी वक्त रहते कांग्रेसियों को जीत के प्लान पर काम शुरू करवा पाएंगे?

 

 

 

 

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