सरकार बदलने के बाद भी कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रिश्तेदार को गृह जिले में बना दिया BEO से DEO
कोरिया । कोरिया जिला में जिला शिक्षाधिकारी की पदस्थाना को लेकर सवाल उठने लगे है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रिश्तेदार को गृह जिले में बीईओं से सीधे डीईओं की कुर्सी में बिठाने के बाद क्षेत्र में राजनीति गरमा गयी है। आरोप है कि सूबे में सरकार बदलने के बाद भी कांग्रेस नेता के रिश्तेदार को गृह जिले में ही डीईओं का प्रभार सौंप दिया गया है। आपको बता दे कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने तबादला आदेश जारी किया था। इस आदेश में कोरिया जिला के कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रिश्तेदार को बीईओं से सीधे प्रभारी डीईओं की जिम्मेदारी दे दी गयी थी। आचार संहिता लागू होने के कारण इस आदेश पर रोक लगा दिया गया था। लेकिन अब उसी पुराने आदेश पर कांग्रेस नेता के रिश्तेदार कहे जाने वाले BEO को प्रभारी डीईओं का चार्ज दे दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछली सरकार में स्कूल शिक्षा विभाग लगातार अपने आदेशों को लेकर सुर्खियों में रहा है। यहीं वजह है कि विभाग में नियम कायदे को ताक पर रख राजनीतिक रसूख के दम पर अधिकारियों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जाता रहा। ताजा मामला कोरिया जिला के जिला शिक्षाधिकारी जितेंद्र कुमार गुप्ता से जुड़ा हुआ है। आपको बता दे कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 6 अक्टूबर 2023 को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया था। इस आदेश में बैकुंठपुर कोरिया जिला निवासी विकासखंड शिक्षा अधिकारी खड़गवां जितेंद्र कुमार गुप्ता को कोरिया जिले का प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बनाने का आदेश जारी किया गया था।
आरोप है कि कोरिया जिला के कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रिश्तेदार होने की वजह से उन्हे शिक्षा विभाग में बीईओं से सीधे डीईओं की जिम्मेदारी दे दी गयी। लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण शिक्षा विभाग के इस आदेश पर रोक लगा दी गयी। लिहाजा आचार संहिता के कारण विधानसभा चुनाव के परिणाम तक कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रिश्तेदार को जिला शिक्षाधिकारी की जिम्मेदारी नही दी जा सकी थी। लेकिन अब प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी कांग्रेस के शासनकाल में शिक्षा विभाग से जारी आदेश पर कांग्रेस नेता के रिश्तेदार को गृह जिले में ही डीईओं की कमान सौंप दी गयी है।
मनेंद्रगढ़-कोरिया जिला के प्रभारी डीईओं जितेंद्र कुमार गुप्ता को दोबारा प्रभार मिलने के बाद क्षेत्र की राजनीति गरमा गयी है। अब ये आरोप लगाया जा रहा है कि हाल ही में जितेंद्र गुप्ता को पदोन्नत कर खड़गवां ब्लाॅक का विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनाया गया था। लेकिन कांग्रेस क कार्यकाल में राजनीतिक रसूख के कारण गृह जिले में ही उन्हे बीईओं से सीधे प्रभारी डीईओं की कुर्सी पर बैठा दिया गया। लिहाजा कांग्रेस जिलाध्यक्ष के एप्रोच पर बैठे जिला शिक्षाधिकारी का आगामी लोकसभा चुनाव में भूमिका को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि कांग्र्रेस के शासनकाल में चुनाव से ठीक पहले शिक्षा विभाग में किये गये मनमाने पोस्टिंग पर मौजूदा शिक्षा मंत्री कोई एक्शन लेंगे ? ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।