छत्तीसगढ़

भूपेश सरकार छोड़ गई 82.125 हजार करोड़ कर्ज वाला खाली खजाना, योजनाओं को लागू करने वित्त विभाग ने RBI को भेजा 2 हजार करोड़ का डिमांड नोट

रायपुर : छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार बीजेपी की नई सरकार के लिए 82.125 हजार करोड़ कर्ज वाला खाली खजाना छोड़ गई है। ऐसे में बीजेपी की विष्णुदेव सरकार के सामने प्रदेश में कमजोर वर्गों के लिए लागू किए जाने वाली योजना के लिए बजट राशि की कमी हो गई है। इसकी पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार ने आरबीआई से दो हजार करोड़ रुपए का लोन लेने का डिमांड नोट सौंपा है।

जानकारी के अनुसार 5 फरवरी को अपना पहला बजट पेश करने जा रही भाजपा सरकार इस वर्ष के लिए अंतिम कर्ज लेने जा रही है। जानकारी के अनुसार सरकार अपनी प्रतिभूतियों को नीलाम कर करीब दो हजार करोड़ रूपए जुटाना चाहती है। इसके लिए वित्त विभाग ने आरबीआई को डिमांड नोट भेज दिया है।

एक-एक हजार करोड़ की दो किस्तों में चुकता होगा लोन

इसके मुताबिक सरकार एक-एक हजार करोड़ की दो किश्तें, 8 और 9 वर्ष में वापसी योग्य शर्त पर लेने जा रही है। वैसे छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त देश के 8 अन्य राज्यों ने कुल 19200 करोड़ का कर्ज मांगा है। आरबीआई कल मंगलवार को ईकुबेर के जरिए लोन टेंडर खोलेगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में दोगुना बढ़ गया कर्ज को बोझ

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा मेंं बता चुके हैं कि जनवरी 2023 तक राज्य सरकार पर 82.125 हजार करोड़ रुपए का ऋण था। कांग्रेस नेता भूपेश बघेल 17 दिसंबर, 2018 में मुख्यमंत्री बने थे। उनके पहले भाजपा के रमन सिंह सीएम थे। जब उन्होंने कुर्सी छोड़ी थी तो राज्य की सरकार पर 41 हजार 695 करोड़ रुपए का कर्ज छोड़ गए थे । यानी, भूपेश बघेल वाली कांग्रेस सरकार के पांच साल में कर्ज का बोझ दोगुना हो गया।

 

 

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