छत्तीसगढ़

शराब और कोयला घोटाले के बाद अब क्या जमीन घोटाले में आगे बढ़ेगी ED

रायपुर । छत्तीसगढ़ में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस का दिन ब्यूरोक्रेसी और राजनेताओं के बीच हड़कंप भरा रहा। कांग्रेस सरकार में हुए शराब और कोयला घोटाले मामले में ईडी ने ACB में करीब 100 लोगों पर FIR दर्ज करा दी है। इनमें पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री-विधायकों के साथ ही IAS अफसर और कारोबारी शामिल है। ईडी के इस एक्शन के बाद अब जमीन घोटाले में भी बड़ी कार्रवाई की सुगबुगाहट तेज हो गयी है। ऐसे में उन अफसरों की चिंता एक बार फिर बढ़ने लगी है, जिन्हे प्रदेश में सरकार बदलने के बाद ईडी की जांच से राहत मिलने की काफी उम्मींद थी, लेकिन ईडी के इस एक्शन ने उन अफसरों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में ब्यूरोक्रेसी का सबसे बुरा दौर कांग्रेस के शासन काल में रहा। शराब और कोयला घोटाले में सरकार पर अरबों रूपये अवैध तरीके से वसूली के आरोप लगे। वहीं सरकार के लिए एजेंट की तरह काम करने वाले ब्यूरोक्रेट्स और अफसर आज ED की रडार पर है। यहीं वहज है कि विधानसभा चुनाव तक अधिकांश अफसर प्रदेश में सरकार बदल जाने की दुआंए मांगते नजर आ रहे थे, ताकि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने पर ये सारी जांच क्लोज हो जाये। लेकिन सरकार के लिए एजेंट की तरह काम करने वाले अफसरों पर ED की कार्रवाई हर बार पानी फेरती आ रही है। प्रदेश में विष्णुदेव की सरकार बनने के बाद भी ईडी लगातार एक्शन मोड पर है। यहीं वजह है कि ईडी की जांच के बाद आरोपी बने पूर्व मंत्री-विधायकों के साथ ही आईएएस अफसर और कारोबारियों के खिलाफ अब ACB में FIR दर्ज कर लिया गया है।

आपको बता दे कोयला घोटाले के तार औद्योगिक नगरी कोरबा जिला से जुड़ा हुआ है। कोयला घोटाले की जांच के दौरान ईडी के अफसरों ने कोरबा में डेरा डाल रखा था। इस पूरी कार्रवाई में हुए बड़े खुलासे के बाद ईडी ने कोरबा में NH के लिए अधिकृत जमीनों में हुए घोटाले और DMF की भी जांच करने पहुंची थी। कटघोरा और हरदीबाजार तहसील कार्यालय से जमीन अधिग्रहण में की गयी धांधली के दस्तावेज जब्त कर ED ने पटवारी और राजस्व निरीक्षक के बयान दर्ज कर चुकी है। इस पूरे मामले में पहले ही कांग्रेस के पूर्व विधायक पुरषोत्तम कंवर थाने में FIR दर्ज करा चुके है। कांग्रेस की सरकार में उन्ही के पार्टी के विधायकों ने NH के लिए जमीन अधिग्रहण मामलें में जमकर धांधली और कूटरचना करने का गंभीर आरोप राजस्व विभाग पर लगाया था।

आरोप ये भी थे कि कांग्रेस की सरकार में ना केवल राजनेता बल्कि राजस्व विभाग के कई अफसरों के करीबियों ने जमीन खरीदी में अपना पैसा इनवेस्ट कर दिया था। ऐसे में शराब और कोयला घोटाले के बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम जमीन घोटाले की जांच में बड़ा एक्शन ले सकती है। अगर ऐसा होता है तो ED की इस अगली बड़ी कार्रवाई में कांग्रेस के बड़े नेता के करीबियों के साथ ही राजस्व विभाग के अफसर रडार में आयेंगे। जिसे लेकर ब्यूरोक्रेसी में चिंता के साथ ही चर्चाओं का दौर जारी है। चर्चा इस बात की किआखिर ED का एक्शन प्लाॅन क्या है ? और चिंता इस बात की कि ED की इस पूरी कार्रवाई के रडार में और कितने IAS और दूसरे अफसर आयेंगे ? खैर CM विष्णुदेव साय ने पहले ही भ्रष्टाचार की खिलाफत करते हुए कड़ाई से एक्शन लेने की बात कह चुके है। ऐसे में म्क् की रडार पर आने वाले अफसरों को मौजूदा सरकार से राहत मिलने की उम्मींद ना के ही बराबर है।

 

 

 

 

 

 

 

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