छत्तीसगढ़

यहां तो रेंजर, DFO के पद पर थे, पूछताछ करने दुबई तक जाना पड़ेगा” विधानसभा में उठा वन विभाग में धोखाधड़ी का मामला

रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वन विभाग की अनियमितता का मुद्दा गूंजा। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने वन मंडल मरवाही में अनियमितता का मुद्दा उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाया कि, 40 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में जांच में देरी क्यों हुई है। उन्होंने ये सवाल उठा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों को कौन बचा रहा है। कार्रवाई आखिर क्यों नहीं हो रही है।

जवाब में वनमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जल्द मामले में कार्रवाई कर ली जाएगी, किसी को बचाने का कोई सवाल ही नहीं है। मंत्री के जवाब के बाद नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि आखिर मेहरबानी किस पर की गई? आपका विभाग अनियमितता पर कब कार्रवाई करेगा? जिसके बाद मंत्री केदार कश्यप ने भरोसा दिलाया कि 6 माह में जांच पूरा कर ली जायेगी। इस मामले में 35 लोगों पर जांच चल रही है।

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने मामला उठाते हुए कहा कि लिखित जवाब में कहा गया है कि 72 प्रकरण जांच के लिये लंबित है। लगभग 40 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप है। ये मेहरबानी किसके लिये है। वन मंत्री केदार कश्यप ने जवाब देते हुए कहा- ये पूरा मामला हमारे संज्ञान में आया है। सभी मामलों में जल्द से जल्द जाँच पूरी कर कार्रवाई की जाएगी।

महंत ने कहा- 2020 में सिर्फ़ छह शिकायतों की बात हुई थी। तब कहा गया था कि 15 दिनों में जांच कर ली जाएगी। इस प्रकरण में विभाग के अधिकारी उत्तरदायी हैं। ज़िम्मेदार कौन है? मेहरबानी किसके लिये की जा रही है। जवाब में वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि 79 मामले सामने आये थे। 7 मामलों में जांच प्रक्रियाधीन हैं। बाक़ी 72 मामलों में जांच आने वाले छह महीनों के भीतर कर ली जाएगी। 7 मामलों में 35 अधिकारियों को दोषी पाया गया है।

इसी सवाल पर सप्लीमेंट्री सवाल उठाते हुए भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि यह बहुत गंभीर विषय है। मरवाही इकलौता वन मंडल था जहां रेंजर और एसडीओ डीएफ़ओ के पद पर बैठे थे। ये इतना बड़ा मामला है कि जांच के लिये दुबई तक जाना होगा। ईडी की तरह जांच विस्तृत करना होगा। धर्मजीत सिंह की बात को सुनकर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मंत्रीजी ने इशारा समझ लिया है, इस मामले में जब कार्रवाई की जायेगी।

 

 

 

 

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