पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले क्षेत्रीय दलों को साधने का ऐसा दांव चला , जिससे इंडिया गठबंधन हो सकता है पूरी तरह नेस्तनाबूद …..
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी माहौल काफी गर्म है। बीजेपी पूरी ताकत के साथ चुनावी रण में उतरने को तैयार है। पीएम मोदी ने खुद ऐलान किया है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी 370 और एनडीए 400 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेगी। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के जरिए कांग्रेस की जमीन मजबूत करने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन चुनाव से पहले ही विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन की हवा निकलना शुरू हो गई है, जो कांग्रेस के लिए टेंशन की बात है।
दरअसल नीतीश कुमार के बाद इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों के भी एनडीए में शामिल होने की चर्चा तेज है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी और पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले क्षेत्रीय दलों को साधने का ऐसा दांव चला है, जिससे इंडिया गठबंधन पूरी तरह नेस्तनाबूद हो सकता है।टीडीपी, अकाली और रालोद से बातचीत शुरूआगामी लोकसभा चुनाव के लिए ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय दलों को साथ मिलाने के लिए बीजेपी ने नया कदम उठाया है। बीजेपी ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और अकाली दल से बातचीत शुरू कर दी है। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी के साथ भी बातचीत चल रही है।
ऐसी संभावना है कि यह क्षेत्रीय पार्टियां एनडीए में शामिल हो सकती है। टीडीपी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ‘संभावनाएं तलाशने’ के लिए दिल्ली पहुंचे और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मिले। हालांकि बीजेपी पहले नायडू से नाराज थी, लेकिन अब वह उनका समर्थन हासिल करना चाहती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बीजेपी मजबूत नहीं है। उधर चर्चा है कि बीजेपी अकाली दल के साथ भी फिर से गठबंधन कर सकती है। कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल एनडीए से बाहर हो गया था। उधर सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी के साथ बातचीत अच्छी चल रही है। वह समाजवादी पार्टी की ओर से दिए गए सीटों की संख्या से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
उद्धव ठाकरे के भी बदले सुरशिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भी सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कोंकण दौरे पर एक बड़ा बयान दिया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह पहले कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुश्मन नहीं थे और आज भी उनके दुश्मन नहीं हैं। ठाकरे ने कहा कि पीएम मोदी ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने शिवसेना के साथ संबंध तोड़ने का फैसला किया। उन्होंने बीजेपी से पुराने रिश्ते की चर्चा भी की। पीएम मोदी को याद दिलाते हुए ठाकरे ने कहा, ‘वह बीजेपी ही थी जिसने शिवसेना से नाता तोड़ लिया था। हालांकि हर साल हम गणतंत्र दिवस पर एक-दूसरे को बधाई देते हैं।’
ठाकरे ने कहा कि किसी भी अन्य चुनाव के विपरीत आगामी 2024 का आम चुनाव अब तक का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है। 400 सीटों पर है बीजेपी का फोकसलोकसभा चुनाव में अब कुछ ही वक्त बचा है। BJP इस चुनाव में 400 सीटों का लक्ष्य लेकर तैयारियों में जुटी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने 303 सीटें जीती थी। पीएम नरेंद्र मोदी के नाम और नैशनलिज्म की लहर पर सवार BJP ने 2014 के लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा सीट और वोट पर्सेंट हासिल किया।
2014 में 31% वोट और 282 सीटें मिली थीं। 2019 में वोट पर्सेंट बढ़कर 37 हो गया। अब जबकि BJP ने 400 सीटें जीतने का टारगेट रखा है तो जाहिर है कि उसे वोट पर्सेंट भी बढ़ाना होगा, साथ ही नई सीटों पर, जहां बीजेपी पहले नहीं जीती थी, वहां भी जीत हासिल करनी होगी।