शादी के लिबास में हुई महिला की हत्या मामले बड़ा खुलासा
कवर्धा। मां-बेटी की हत्या मामले में पुलिस ने आरोपी ब्वायफ्रेंड को गिरफ्तर कर लिया है। रविवार को कवर्धा जिले में डबल मर्डर से सनसनी फैल गयी थी। एसपी कार्यालय से कुछ ही दूरी पर एक मकान में मां बेटी की लाश मिली थी। हत्या की जानकारी लोगों को तब हुई, जब मकान से दुर्गंध फैलना शुरू हुआ। पुलिस को इस मामले में पहले से ही ब्वायफ्रेंड पर शक था। पुलिस ने इस मामले में रायपुर से आरोपी ब्वायफ्रेंड अश्वनी पांडे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी हत्या की बात कबूल भी कर ली है।
आपको बता दें कि कवर्धा जिले के प्रोफेसर कॉलोनी में वसुंधरा वैष्णव अपनी मां पार्वती वैष्णव के साथ रहती थी। रविवार को जब मकान से दुर्गंध फैलना शुरू हुआ, तो आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो घर के बाहर ताला लगा था। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची, जिसके बाद अंदर में मां बेटी की लाश पड़ी थी। वसुंधरा शादी के लिबास में थी। शव की दुर्गंध ना फैले, इसके लिए शव के ऊपर फिनाईल की गोली डाल दी गयी थी।
हालांकि पुलिस को ये भी जानकारी मिली थी, कि वसुंधरा चौथी शादी करने वाली थी। इससे पहले वो तीन शादियां कर चुकी थी। ब्वायफ्रेंड अश्वनी कुमार पांडेय के साथ शादी को लेकर ही विवाद था, जिसकी वजह से हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। आरोपी के पास से मृतिका के घर के बाहर लगे ताले की चाबी, मोबाइल और स्कूटी भी बरामद हुआ है।
आरोपी अश्वनी बिलासपुर के सिरगिट्टी का रहने वाला है। वारदात के बाद वो रायपुर भाग गया था। चालीस साल के आरोपी युवक को गिरफ्तार करने के बाद कवर्धा पुलिस उसे लेकर रायपुर से लौटी है। जल्द ही उससे पूछताछ शुरू होगी। पुलिस को आरोपी और मृतिका का शादी के लिए सहमति पत्र भी मिला है।
पत्र में अश्वनी पांडेय ने पहली पत्नी की मृत्यु होने और वसुंधरा ने पहली शादी से तलाक लेने के बाद शादी की सहमति दी थी। सहमति पत्र में ये भी कहा गया था कि पति ने पत्नी की मृत्यु का प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया था, इसलिए स्टांप पेपर पर सहमति पत्र छपवाया गया था। हालांकि दोनों ने पहले ही मंदिर में शादी कर ली थी। लेकिन जब तक पत्नी की मृत्यु का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया जाता, तब तक दोनों कोर्ट मैरिज नहीं कर सकते थे।लिहाजा तब तक दोनों इसी सहमति पत्र के जरिये पति-पत्नी के तौर पर साथ रह रहे थे। नोटरी पेपर में ये भी लिखा था कि कोर्ट मैरिज अगर नहीं भी होता है, तो दोनों एक दूसरे को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार करते हुए साथ रहेंगे।