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कोरबा में 2000 के DMF फंड में 500-600 करोड़ की कमीशनखोरी, ED ने छापेमारी को लेकर दी जानकारी, कहा, 27 लाख कैश…और..

रायपुर । डीएम घोटाले में ED को महत्वूर्ण सुराग मिले हैं। 1 मार्च को हुई छापेमारी को लेकर ED ने प्रेस नोट जारी किया है। ED ने बताया कि DMF फंड के नाम पर अधिकारियों व राजनेताओं को करोड़ों रुपये कमीशन मिला है। कमीशनखोरी का आंकड़ा अकेले ही कोरबा में 500-600 करोड़ रुपये हैं। 1 मार्च को हुई छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। वहीं डिजिटल डिवाइस और महत्वपूर्ण दस्तावेज समेत 27 लाख कैश जब्त किया गया है।

ईडी ने इस दौरान कांग्रेसी नेता, जनपद सीईओ, कारोबारी व ठेकेदारों के 13 ठिकानों पर दबिश दी थी। ये कार्रवाई कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, जांजगीर और बालोद जिले में हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रायपुर ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले से जुड़े छत्तीसगढ़ में 13 स्थानों पर 1 मार्च 2024 को छापेमारी की थी।

ED के मुताबिक अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों की मिलीभगत से डीएमएफ ठेकेदारों ने सरकारी खजाने के पैसे की जमकर हेराफेरी की। छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से दर्ज की गई 3 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच की ये कार्रवाई ED ने बढ़ायी थी। ईडी ने बताया कि ये मामला छत्तीसगढ़ में जिला खनिज निधि के धन के उपयोग में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। जांच से पता चला कि ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों को भारी मात्रा में कमीशन का भुगतान किया है, जो निविदा मूल्य का 25% से 40% तक है।

केवल जिला कोरबा को आवंटित डीएमएफ राशि वित्तीय वर्ष 2022-23 तक 2000 करोड़ रुपये है। कमीशन की प्रचलित दर के अनुसार, अकेले कोरबा में कमीशन की राशि 500-600 करोड़ रुपये होगी। पूरे राज्य के डेटा का विश्लेषण और अपराध की आय की मात्रा निर्धारित करने का काम फिलहाल किया जा रहा है। तलाशी अभियान के दौरान 27 लाख (लगभग) कैश जब्त किया गया है। इसके अलावा, डिजिटल और डॉक्यूमेंट्री के रूप में कई अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य भी बरामद और जब्त किए गए हैं।

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