छत्तीसगढ़

शिक्षा सचिव ने उल्लास कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए कलेक्टरों को दिया निर्देश, 15 दिन के भीतर सर्वे के निर्देश

रायपुर, । स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए जिला कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कलेक्टरों से कहा है कि जिले की स्थिति के अनुसार रणनीति बनाकर कार्य प्रारंभ करें। प्रत्येक सप्ताह समय सीमा की बैठक में समीक्षा कर सघन मॉनिटरिंग करना सुनिश्चित करें।

स्कूल शिक्षा सचिव द्वारा जिला कलेक्टरों को जारी पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 की अनुशंसानुसार नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। इस कार्यक्रम को ULLAS (Understanding of Lifelong Learning for All in Society) के नाम से संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम के पाँच प्रमुख घटक हैं- बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान, जीवन कौशल (वित्तीय, डिजिटल, कानूनी, मतदान साक्षरता इत्यादि), व्यावसायिक कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा (समतुल्यता कार्यक्रम) और सतत् शिक्षा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार प्रौढ़ शिक्षा अब सभी के लिए शिक्षा के नाम से जाना जाएगा। यह कार्यक्रम 15 वर्ष से अधिक आयु समूह के लोगों के लिए है। यह कार्यक्रम 2027 तक संचालित किया जाना है। जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण की कार्यकारिणी के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर होंगे।

जिला कलेक्टरों से कहा गया कि उल्लास केन्द्र के लिए स्कूल भवन का उपयोग किया जाए। 23 फरवरी 2024 को मोबाइल एप्प संबंधी व 26-28 फरवरी 2024 को जिले के अधिकारियों को भारत सरकार के एनआईसी और एनसीईआरटी द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है। जिलों में 15 दिन के भीतर उल्लास मोबाइल एप पर शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का सर्वे करा लिया जाए। उल्लास हेतु जिले में वातावरण निर्माण सतत् रूप से किया जाए। जिला, ब्लॉक साक्षरता मिशन के अधिकारियों-कर्मचारियों को अतिरिक्त कार्य से मुक्त करते हुए इस कार्य को उच्च प्राथमिकता से पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया जाएं। जहां मिशन के कर्मचारी नहीं है वहां शिक्षा विभाग के अमले को इस कार्य में संलग्न किया जाएं।

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