ग्रामीणों को चुनौती देते हुये किये गये अवैध कब्जों को अंततः पंचायत ने ढहाया
रायपुर । ग्रामीण सभा व पंचायत के लगातार मनुहार के बाद भी चुनौती देते हुये अवैध कब्जा करने वाले 2 बेजा कब्जाधारियों के अवैध कब्जों को हटाने प्रशासन द्वारा कोताही बरतने से ग्राम में व्याप्त हो रहे आक्रोश को देखते हुये अंततः बीते गुरूवार को टेकारी पंचायत ने ढहा दिया । बेजा कब्जाधारियों द्वारा इस अवसर पर कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न करने की संभावना व प्रशासनिक सहयोग न मिलने पर जिम्मेदारी प्रशासन की होने की चेतावनी के चलते हड़बड़ाये राजस्व व पुलिस अमला भी कार्यपालन दंडाधिकारी के साथ पूरे कार्यवाही के दौरान मौजूद रहे । एक बेजा कब्जाधारी के परिवार द्वारा व्यवधान खड़ा करने के प्रयास को देखते हुये पुलिस अमला ने बतौर ऐहतियात उन्हें बैठाये रखा ।
आम गली में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर दूकान तानने वाले एक बेजा कब्जाधारी को कार्यवाही के दौरान ग्राम में उसके परिजनों के सिवा किसी का भी समर्थन नहीं मिला पर कथित रूप से आरंग निवासी अपने आप को आर एस एस व मंत्रियों के नजदीकी होने का दावा करने वाले उसके एक भाजपाई रिश्तेदार अपने संपर्कों के फोन खड़खड़ाते रहे और सरपंच सहित ग्राम प्रमुख मंत्रियों के यहां से आने वाले काल पर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करा संतुष्ट करते रहे व अंततः वे भी पंचायत के वैधानिक अधिकार में दखल देने से कोताही बरत ली । शासन द्वारा स्वीकृत सी सी रोड सह नाली निर्माण कार्य में अवैध कब्जा कर नाली निर्माण में बीते एक साल से रुकावट डाल रखे एक अन्य बेजा कब्जाधारी तो बुलावे के बाद भी स्थल पर नहीं पहुंचा जिसका बेजा कब्जा निर्विघ्न रूप से हटाया गया । सरपंच नंदकुमार यादव सहित ग्राम प्रमुखों से मिली जानकारी के अनुसार आम गली में अवैध कब्जा कर दूकान तानने वाले बेजा कब्जाधारी के पुत्र ने लगातार मनुहार के बाद भी अपने कथित संपर्कों के भरोसे ग्रामीणों को अवैध कब्जा करने से रोक कर दिखाने की चुनौती थी व तहसीलदार न्यायालय से जारी स्थगन आदेश के बाद भी प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री के कथित शह होने के नाम पर निर्माण कार्य जारी रखा था । जानकारी मिलने पर उनसे मुलाकात कर वस्तुस्थिति से उन्हें अवगत कराया गया था । इसके बाद भी तहसील प्रशासन द्वारा बेजा कब्जा हटाने 2 बार तिथि निर्धारित की गयी पर जाने – अनजाने कारणों से टाल दिया गया । ग्रामीणों के आक्रोश व बेजा कब्जा की प्रवृत्ति बढ़ने की आंशका को देखते हुये कानूनी सलाह ले पंचायत ने पंचायत राज अधिनियम की धारा 56 के अधिकार का प्रयोग करते हुये बेजा कब्जाधारी को दो बार डाक से नोटिस भी भेजा पर लेने से इंकार कर दिया। इसी तरह अवैध कब्जा कर बीते एक साल से सार्वजनिक नाली निर्माण कार्य रोके रखे बेजा कब्जाधारी ने भी नोटिस लेने से इंकार कर दिया था । कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद राजस्व व पुलिस प्रशासन को अवैध कब्जा हटाने के लिये नियत तिथि की सूचना देते हुये आगाह किया गया था कि पूर्व की तरह टालने की स्थिति में ग्रामीण आक्रोश को देखते हुये ग्रामीण सभा के सहयोग से बेजा कब्जा हटाया जावेगा व होने वाले किसी संभावित अप्रिय घटना के लिये प्रशासन जिम्मेदार रहेगा ।
साथ ही इसकी सूचना क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य ललिता वर्मा व भाजपा मंडल अध्यक्ष कृष्णा वर्मा तथा टेकारी निवासी उपाध्यक्ष विश्वनाथ नायक को भी दी थी जिन्होंने ग्रामीणों व पंचायत के निर्णय को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया था । तहसीलदार के आदेश पर कार्यपालन दंडाधिकारी श्रुति शर्मा व राजस्व तथा पुलिस अमला पूरे कार्यवाही के दौरान मौजूद रहा । इस दरम्यान राजस्व मंत्री तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री के ओ एस डी ने भी वस्तुस्थिति की जानकारी ली जिन्हें ग्राम के ही निवासी किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने वास्तविक स्थिति की जानकारी दी । अवैध कब्जा हटाने के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिये श्रुति शर्मा सहित मौजूद राजस्व व पुलिस अमला तथा जिला पंचायत सदस्य ललिता वर्मा , मंडल अध्यक्ष वर्मा तथा उपाध्यक्ष नायक का सरपंच नंदकुमार यादव व पंचायत प्रतिनिधियों सहित पूर्व सरपंच रामानंद पटेल , गणेश लहरे व ग्रामीण सभा अध्यक्ष रामनाथ वर्मा व कोषाध्यक्ष अशोक नायक , पूर्व अध्यक्ष हुलास राम वर्मा , उपाध्यक्ष छेदन वर्मा आदि ने आभार व्यक्त किया है व अवैध कब्जा करने वालों सहित प्रयास करने वालों को यही अंजाम भुगतने के प्रति आगाह किया है । किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने आर एस एस व मंत्रियों के कथित निकटता के दावा व इसका फायदा उठा उन्हें गुमराह कर व्यक्तिगत लाभ उठाने के प्रयास करने वालों से सचेत रह छवि धूमिल न होने देने का आग्रह आर एस एस व भाजपा संगठन सहित मंत्रियों से करते हुये कहा कि इस संबंध में शीघ्र ही इनके प्रमुखों को ज्ञापन सौंप जानकारी दी जावेगी।