विधानसभा में हारे हुए नेताओं पर लोकसभा में दांव, जरूरी या फिर मजबूरी ? कितना मजबूत होगा मुकाबला
रायपुर । कांग्रेस ने आज अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी। कांग्रेस की पहली लिस्ट में 39 नाम हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से 6 नाम शामिल हैं। राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्र भूपेश बघेल चुनाव मैदान में उतरेंगे। तो वहीं महासमुंद से ताम्रध्वज साहू, जांजगीर चांपा की सुरक्षित सीट से शिव डहरिया, रायपुर से विकास उपाध्याय, कोरबा से ज्योत्सना महंत और दुर्ग से राजेंद्र कुमार साहू शामिल हैं। कांग्रेस की ये लिस्ट थोड़ी कमजोर दिख रही है।
ऐसा इसलिए, क्योंकि कांग्रेस के छह प्रत्याशियों में तीन हाल ही में विधानसभा चुनाव हारे हैं, ऐसे में हारे हुए नेताओं पर दांव लगाना पार्टी के लिए जरूरी था या फिर मजबूरी? इसकी चर्चा सियासी गलियारों में खूब हो रही है। हालांकि राजनीति के जानकार इसके पीछे की वजह मजबूरी ही मान रहे हैं। सबसे बड़ी मजबूरी तो यही है कि कांग्रेस के पास कोई दूसरा इलेक्शन विनिंग कंडीडेट ही नहीं था, लिहाजा इनकार के बावजूद कांग्रेस को उन्ही प्रत्याशियों पर दांव लगाना पड़ा जिनमें से कईयों को पिछले विधानसभा में हार का मुंह देखना पड़ा था।
वैसे देखा जाये तो भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में “400 पार” सीट के नारे के साथ उतरी है। उस पर कांग्रेस के लिए मुश्किल ये भी है कि भाजपा ने इस बार प्रत्याशियों के चयन में भी हिंदुत्व का रंग चढ़ा दिया है। एक तो राममय माहौल, उस पर हिदुत्व के चेहरे वाले प्रत्याशी, मोदी की एग्रेसिव कैंपेनिंग और मोदी की गारंटी के तहत किये वादों को पूरा करने का सिलसिला, कांग्रेस की राह में एक नहीं कई सारी बाधाएं खड़ी कर रही है।
कांग्रेस के ये उम्मीदवार विधानसभा में हारे थे
कांग्रेस सरकार में गृहमंत्री रहे ताम्रध्वज साहू को विधानसभा चुनाव 2023 में दुर्ग ग्रामीण से प्रत्याशी बनाया गया था। इस सीट से भाजपा के ललित चंद्राकर ने ताम्रध्वज साहू को 16642 हराया था। पहली बार चुनाव लड़ने वाले ललित चंद्राकर को 87175 वोट मिले थे, जबकि ताम्रध्वज साहू को 70533 वोट मिले थे।
वहीं शिव डहरिया की बात करें, तो कांग्रेस कार्यक्रम में वो नगरीय निकास मंत्री थे। उन्हें विधानसभा में राजधानी रायपुर की आरंग सीट से प्रत्याशी बनाया गया था। शिव डहरिया को भाजपा के पहली बार के प्रत्याशी गुरु खुशवंत साहब ने 16 हजार वोट से हराया था।
कांग्रेस शासनकाल में विकास उपाध्याय संसदीय सचिव थे। उन्हें 2023 के विधानसभा चुनाव में रायपुर पश्चिम से पार्टी ने टिकट दिया था। उनका मुकाबला भाजपा के राजेश मूणत से थे। राजेश मूणत के हाथों कांग्रेस के विकास उपाध्याय को 36 हजार वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा।