शादी के फेरों में पत्नी पति से लेती हैं ये 7 वादे, क्या आप जानते हैं ये 7 वचन?
इन दिनों शादी का सीजन चल रहा है। बहुत से जोड़े पवित्र बंधन में बंध रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी शादी का क्रेज लोगों में देखा जा रहा है। वहीं हिंदू रीतिरिवाज की बात करें तो दुल्हा और दुल्हन को कई सारे नियमों का पालन करना होता है। जैसे कि अलग-अलग धर्मों में शादी से जुड़ी परंपराएं अलग होती हैं। हिंदुओं में शादी में कई रिवाज और रस्में होती हैं। माना जाता है कि 7 फेरों के बिना शादी पूरी नहीं होती। हिंदू विवाह में अग्नि को पवित्र माना जाता है। इसके चारों ओर फेरे लेकर पति और पत्नी एक-दूसरे से कुछ वादे करते हैं
इन 7 वचनों से जुड़ता है पति पत्नी का पवित्र रिश्ता
पहले वचन में कन्या वर से कहती है, अगर आप कोई व्रत-उपवास या कोई और धार्मिक काम करें या तीर्थयात्रा पर जाएं तो मुझे भी अपने साथ लेकर जाएं। अगर आप इस वचन को स्वीकार करते हैं तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।
दूसरे वचन में कन्या कहती है, आप अपने माता-पिता की तरह ही मेरे माता-पिता का भी सम्मान करेंगे और परिवार की मर्यादा का पालन करेंगे। अगर आप इसे स्वीकार करते हैं तो मैं आपकी वामांगी बनना स्वीकार करती हूं।
तीसरे वचन में कन्या वर से कहती है, आपको जीवन की तीनों अवस्थाओं (युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था) में मेरी देखरेख और पालन करना होगा। यदि आप इसे स्वीकार करते हैं तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।
चौथे वचन में कन्या वर से कहती है,अब हम विवाह बंधन में बंध रहे हैं तो भविष्य में परिवार की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है। अगर आप इसे स्वीकार करें तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।
पांचवें वचन में कन्या वर से कहती है कि आप घर के कामों में, विवाह वगैरह, लेन-देन और दूसरे कोई खर्च करते वक्त मेरी राय लिया करेंगे तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।
छठे वचन में कन्या वर से कहती है, मैं कभी अपनी सहेलियों के साथ रहूं तो आप सबके सामने कभी मेरा अपमान नहीं करेंगे। जुए और दूसरी बुराइयों से दूर रहेंगे, आप यह वचन मानते हैं तो आपके वामांग में आना स्वीकर करती हूं।
सातवें वचन में कन्या वर से कहती है कि आप पराई स्त्रियों को मां समान समझेंगे और पति-पत्नी के आपसी प्रेम के बीच किसी को भी नहीं आने देंगे। अगर आप यह वचन दें तो ही मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करूंगी।