मैं गीदड़भभकी से डरने वाला नहीं” EOW में दर्ज FIR पर बिफरे भूपेश, कहा, राजनांदगांव में चुनाव हार रही है बीजेपी, इसलिए….पूछा….
रायपुर । “मै गीदड़ भभकी से नहीं डरने वाला हूं…जिसको जो करना है कर ले…” EOW में दर्ज FIR पर भूपेश बघेल ने प्रेस कांफ्रेंस में जमकर निशाना साधा। भूपेश बघेल ने कहा कि उनके खिलाफ FIR की खबरों को जिस तरह से चुनाव की तारीख के ऐलान के ठीक पहले वायरल किया गया, उससे एक बात साफ है कि राजनांदगांव में भाजपा चुनाव हारने जा रही है। भूपेश बघेल ने कहा कि चुनाव में हार जानते हुए ही दिल्ली से इस खबर को वायरल कराया गया।
दिल्ली से खबर छपने के बाद बाद पता चला कि महादेव सट्टा एप में FIR में मेरा भी नाम है, जबकि 4 मार्च को ये FIR दर्ज की गयी थी। आखिर इतने दिनों तक ये बातें छुपायी क्यों गयी। जिस दिन FIR होती है उसी दिन वेबसाइट में डाल दिया जाता है, फिर मेरे प्रकरण में ऐसा क्यों नहीं किया गया। अलग अलग मामलों में FIR दर्ज हुआ उसे वेबसाइट में डाल दिया गया। शराब घोटाला, चावल घोटाला में भी ये किया गया, तो फिर महादेव एप मामले में ऐसा क्यों नहीं किया गया।
मामले में उनकी सरकार ने 72 FIR दर्ज किए। पहला FIR दुर्ग में दर्ज किया गया, जिसमे सैकड़ो गिरफ्तारी हुई, कई गैजेट पकड़े गए। इसमे कानून बहुत लचीला था, इसे लेकर विधानसभा में बिल भी लाया और लागू भी किया। इसमे 1 हजार से अधिक कहते सीज किए गए। 2 सौ से अधिक ATM जब्त किये गये। रवि उप्पल और सौरभ चन्द्राकर के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया। भूपेश बघेल ने कहा कि इसमे केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
भूपेश बघेल ने कहा कि अभी तक यह कहा जाता रहा है कि कि रवि उप्पल और सौरभ चन्द्रकर डायरेक्ट है, अचानक शुभम सोनी का वीडियो आता है जिसे बीजेपी दफ्तर से जारी किया जाता है। अचानक असीम दास की गिरफ्तारी होती है, जिसमे जो गाड़ी जब्त की जाती है। वह BJP नेताओ और रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज होता है। जब आपने FIR दर्ज किया, उस FIR की कॉपी में 6वां नम्बर में मेरा नाम है। उसमे सभी के नाम उल्लेखित है लेकिन FIR कॉपी में मेरे नाम का उल्लेख नहीं है।
सिर्फ सामने बॉक्स में मेरे नाम का जिक्र किया गया है। भूपेश बघेल ने कहा कि यह राजनीतिक FIR है, जबरन मेरा नाम डाला गया है। राजनीतिक प्रतिद्वेष के चलते मेरा नाम डाला गया है। गूगल को हमने इसे बैन करने लिखा था। अभी तक सट्टा एप बन्द नहीं हुआ है। भूपेश बघेल ने सवाल उठाया है कि बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले कंपनियों में सट्टा एप की कंपनी ही है। फ्यूचर गेमिंग नाम की कंपनी ने 1368 करोड़ रुपए चुनावी चंदा दिया है, तो क्या महादेव एप वाले भी भाजपा को चंदा दिया है।
भूपेश बघेल ने कहा कि महादेव एप के प्रमोटर को पकड़ा क्यों नही गया है, उन्हें भारत क्यों नहीं लाया गया है। भाजपा पर आरोप लगाते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि क्या इनके बीच लेनदेन हो गया है। इसका मतलब साफ है कि राजनांदगांव का चुनाव बीजेपी हर चुकी है। बदनाम करने के लिए इसे लाया गया है। 13-14 दिन सर्वे करवाने के बाद इसे लाया गया है।