बिलासपुर । चुनाव अति आवश्यक सेवा माना जाता है। इस कार्य के लिए कोई भी शासकीय कर्मचारी और अधिकारी इनकार नहीं कर सकते हैं। लेकिन, बिलासपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां चुनाव कार्य को करने से पीडब्ल्यूडी एसडीओ ने इंकार कर दिया। इस मामले में अब कलेक्टर ने नोटिस थमाया है, वहीं 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया है। जानकारी के मुताबिक तखतपुर एसडीओ ने निर्देश के बावजूद चेकपोस्ट नहीं बनाया है। बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय की तरफ से भेजे गये शो कॉज में कहा गया है कि 15 मार्च 2024 के द्वारा लोक सभा निर्वाचन 2024 के दौरान व्यय अनुवीक्षण हेतु निर्धारित चेक पोस्ट पर आवश्यक व्यवस्थाएं तत्काल सुनिश्चित करने हेतु संबंधित निर्माण एजेन्सियों को निर्देश जारी किया गया था।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवम सहायक रिटर्निग आफिसर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र कमाक 28-तखतपुर ने प्रतिवेदित किया है कि आपके द्वारा उक्त निर्देश की अवहेलना करते हुए निर्धारित चेक पोस्ट पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित नहीं की गई है, तथा इस संबंध में जानकारी हेतु संपर्क करने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तखतपुर के साथ अनुचित शब्दों का प्रयोग करते हुए दुर्व्यवहार किया गया। नोटिस में लिखा है कि वर्तमान में लोक सभा निर्वाचन 2024 हेतु आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है, तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28 क के तहत निर्वाचन की अपेक्षा करने की तारीख से निर्वाचन परिणामों की घोषणा तक सभी अधिकारी / कर्मचारी निर्वाचन आयोग के नियंत्रण अधीक्षण एवम अनुशासन के अधीन होते है।
इस कार्यालय द्वारा जारी पत्र दिनांक 15.03.2024 में दिये गये निर्देश के पालन हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवम सहायक रिटर्निग आफिसर तखतपुर के द्वारा आपको चेकपोस्ट निर्माण एवम आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया जिसका आपके द्वारा अवमानना किय गया । इस प्रकार आपके द्वारा लोकसभा निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण एवम अनिवार्य कार्य के संपादन में स्वेच्छाचारिता व अरूचि दर्शित की गई है साथ ही आपने वरिष्ठ कार्यालय से जारी निर्देश का पालन न करते हुए वरिष्ठ अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार किया गया है। आपका यह कृत्य लोक प्रतिनिधितव अधिनियम 1951 की धारा 28 क के प्रावधान के विरूद्ध है, तथा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के तहत गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत दण्डनीय है। अतः आप पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर कारण स्पष्ट करें कि उक्त कदाचरण के लिय आपके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों न की जाये। निर्धारित समयावधि के भीत उत्तर प्राप्त नहीं होने अथवा उत्तर समाधानकारक नहीं पाये जाने की दशा में आपके विरुद्ध एक पक्षीब कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिये आप स्वतः जिम्मेदारी होंगी।