छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के 58 परसेंट राशन दुकान नॉन एक्टिव, राशन और राशन कार्ड के लिए दर- दर भटकने मजबूर

रायपुर । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने साय सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मोदी की गारंटी और साय का सुशासन केवल विज्ञापन, नारों और जुमलों तक ही सीमित है, असलियत यह है कि एक के बाद एक जनहितैषी और लोक कल्याणकारी योजनाएं साय सरकार में दम तोड़ रही है। जिन योजनाओं का बजट प्रावधान पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने 31 मार्च 2024 तक किया था, उन योजनाओं में भी हितग्राहियों को दुर्भावना पूर्वक लाभ से वंचित कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता अघोषित रूप से बंद है। किसानों को खरीफ सीजन 2022- 23 का राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लंबित चौथी किस्त का पैसा भी विष्णुदेव सरकार ने हड़प लिया है, और अब राशन के अधिकार से भी छत्तीसगढ़ की जनता को वंचित करने का षड्यंत्र भारतीय जनता पार्टी की विष्णुदेव सरकार ने रचा है। राशन दुकानों में एपीएल कार्डधारीयों को एक दाना शक्कर नहीं मिल रहा है। कहीं कहीं पर बीपीएल कार्ड धारी को प्रति राशन कार्ड केवल 1 किलो शक्कर दिया जा रहा है। पीडीएस के सरकारी साइट पर भी छत्तीसगढ़ के कुल 13771 उपभोक्ता दुकानों में से मात्र 42 परसेंट 5746 दुकान ही वर्तमान में संचालित हैं अर्थात 58 प्रतिशत राशन दुकान नान एक्टिव हैं जिसके चलते छत्तीसगढ़ की अधिसंख्यक आबादी को राशन दुकान से चावल, शक्कर, नमक और चना लेने से षडयंत्र पूर्वक वंचित किया जा रहा है। गुड़, चना, शक्कर और मिट्टी तेल तो छत्तीसगढ़ के राशन दुकानों से पूरी तरह गायब है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कुल 7710169 राशनकार्ड धारी हैं। जिसमें बीपीएल कार्ड धारी परिवारों की संख्या लगभग 48 लाख है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय 35 किलो राशन प्रति बीपीएल कार्ड धारक परिवार को वितरण किया जाता था अर्थात 7 किलो प्रति यूनिट की दर से चावल का अधिकार छत्तीसगढ़ की गरीब जनता को मिल रहा था, जिसे घटकर 5 किलो प्रति यूनिट अर्थात 25 किलो प्रति कार्ड कर दिया गया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने न केवल गरीब बल्कि गरीबी रेखा से ऊपर वाले सभी वर्गों के लिए भी एपीएल कार्ड की व्यवस्था की थी। प्रदेश के शत प्रतिशत नागरिकों के लिए रियायती दर पर अनाज उपलब्ध कराने की योजना पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शुरू की थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सहायक सरकार ने आते ही तमाम जनकल्याणकारी योजना में कटौती करना शुरू कर दिया है। साय सरकार ने दुर्भावना पूर्वक कोदो, कुटकी, रागी और मक्का की खरीदी तक बाधित की। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय आयुष्मान कार्ड न होने पर राशन कार्ड से भी मुफ्त इलाज की व्यवस्था की थी इसी के साथ मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 25 लाख तक के इलाज निशुल्क होते थे वर्तमान में हालात यह है कि छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज अघोषित तौर पर बंद है। साई सरकार के आने के बाद से पिछले पौने चार महीनो से निजी अस्पतालों के भुगतान रोक दिए गए हैं। पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा स्वीकृत तमाम विकास योजनाओं की राशि वापस ले ली गई है, वर्क ऑर्डर तक निरस्त कर दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार आते हैं आम जनता के हक और अधिकार छीने जा रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा चलाई जा रही जनहित और लोककल्याणकारी योजनाएं दुर्भावनापूर्वक बंद किए जा रहे हैं।

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