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चुनाव जीतने का नही बल्कि चुनाव हारने का बनाया रिकार्ड, 238 बार चुनाव हारने के बाद 239वें की शुरू की तैयारी है !

तमिलनाडु । देशभर में आम चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज है। ऐसे में राजनेता जहां अपनी जीत को लेकर ऐढ़ी-चोटी का जोर लगाये हुए है। वहीं देश में एक शख्स ऐसे भी है जिन्होने प्रधानी से लेकर सांसदी तक के लिए अब तक 238 बार चुनाव लड़ा और हर बार हार का सामना करना पड़ा। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अब वो शख्स 239 वीं बार अपना नामांकन दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। चुनाव हारने का रिकार्ड बनाने वाले इस शख्स का नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी कि कविता ष्हार नहीं मानूंगाए रार नहीं ठानूंगाष् आज भी लोगों में नयी उर्जा भरने का काम करता है। इस कविता के सहारे आज भी युवा बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना करने की लिये तैयार रहते है। लेकिन इसी मोटिवेशनल कविता तमिलनाडु के के. पद्मराजन चरितार्थ करते नजर आ रहे है। के.पद्मराजन देश के ऐसे शख्स है, जिन्होने अब तक 238 बार चुनाव लड़ा और हर बार उन्हे हार का सामना करना पड़ा। लोग चुनाव हारने के बाद हताश हो जाते है। लेकिन के. पद्मराजन हर बार उसी उत्साह से चुनाव में नामांकन भरने के बाद चुनावी रण में अपनी किस्मत आजमाते है।

तमिलनाडु राज्य के मेट्टूर में उनकी टायर मरम्मत की दुकान है। के.पद्मराजन 65 साल के हैं और कुल 238 चुनाव लड़ चुके हैं और 238 चुनाव हार चुके हैं। अपने दाव में हमेशा असफल होने के बावजूद, वो बेफिक्र हैं और आने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। के.पद्मराजन बताते है कि साल 1988 से उन्होने चुनाव लड़ना शुरू किया था। जब उन्होंने ऐसा किया तो लोग उन पर हंसे, आज भी हंसते हैं। लेकिन उनका कहना है कि वो ये साबित करना चाहते थे कि एक सामान्य आदमी भी चुनाव लड़ सकता है। इसी जुगत में के.पद्मराजन ने प्रधानी से लेकर सांसदी तक सारे चुनाव लड़े हैं ।

बीते सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व-प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक सबसे चुनाव हार चुके हैं। इस साल वो तमिलनाडु के धर्मपुरी ज़िले की संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। के.पद्मराजन के लिए जीत केवल इतनी है कि वो हर बार चुनाव में भाग ले रहे हैं। यहीं वजह है कि अब वो जीतने से ज्यादा चुनाव हारकर ख़ुश होते है। यहां तक वो कहते हैं कि अगर कभी ग़लती से वो चुनाव जीत गए, तो उन्हें हार्ट अटैक आ जायेगा। हर बार चुनाव हारने का रिकार्ड बनाने वाले के. पद्मराजन का नाम भारत के सबसे असफल उम्मीदवार के रूम में लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।

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