क्या अग्नीवीर योजना में होगा बदलाव सुधार को लेकर राजनाथ सिंह ने दे दिया ये बड़ा बयान…
भोपाल :- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार 28 मार्च को कहा कि भारत की सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और देश के लोगों को सशस्त्र बलों पर पूरा भरोसा होना चाहिए. एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान अग्निवीर योजना की आलोचना को लेकर एक सवाल पर मंत्री ने कहा कि ऐसे सवालों का ‘‘कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि हर कोई मानता है कि सशस्त्र बलों का युवा स्वरूप होना चाहिए.
सशस्त्र बलों में युवा जोश होना चाहिए’रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निवीर योजना का बचाव करते हुए कहा कि युवाओं की भर्ती से जोखिम लेने की भावना बढ़ेगी और तकनीक-कुशल सशस्त्र बल तैयार होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘इस बात को हर कोई स्वीकार करेगा कि सशस्त्र बलों में युवा जोश होना चाहिए. आम तौर पर हमारे जवानों की उम्र सीमा 30-50 वर्ष होती है. लेकिन 18-20 साल के जवानों के अग्निवीर के रूप में शामिल होने से जोखिम लेने की भावना कुछ और बढ़ेगी.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “इसमें कोई दो राय नहीं कि वरिष्ठ जवान अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं. आज तकनीक का युग है और भारतीय युवाओं को भी तकनीक कुशल होना चाहिए. अग्निवीर जवानों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए गए हैं, जिसमें अर्द्धसैन्य बलों में उनके लिए आरक्षण का प्रावधान भी शामिल है.कमियां दिखी तो करेंगे सुधाररक्षा मंत्री ने कहा, अगर हमें कोई कमियां दिखती हैं तो हम उन्हें सुधारने के लिए तैयार हैं.’’ जून 2022 में, केंद्र ने सेना के तीनों अंगों के स्वरूप को युवा बनाने के उद्देश्य से सशस्त्र बलों में कर्मियों को अल्पकालिक रूप से शामिल करने के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की.अग्निवीर योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए भर्ती करने का प्रावधान है. भर्ती किए गए जवानों में से 25 फीसदी को 15 और वर्षों के लिए सेवा में रखा जाएगा. भारत-चीन सीमा पर क्या बोले रक्षा मंत्री?
भारत-चीन सीमा मुद्दे पर पर पूछे गए सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘देश के हितों को ध्यान में रखते हुए, मैं उन्हें विपक्षी दलों को जो कुछ भी बता सकता हूं, बताता हूं, लेकिन रक्षा क्षेत्र में कई चीजें हैं जिनका रणनीतिक महत्व है और हम उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं बता सकते. हम उन चीजों को बताने से बचने की कोशिश करते हैं, चाहे वह उत्तरी, पश्चिमी या पूर्वी क्षेत्र के बारे में हो या कुछ और।