कुमारी सैलजा के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करना पूर्व कांग्रेसियों को पड़ा महंगा
रायपुर । पूर्व मंत्री कुमारी सैलजा के खिलाफ उन्ही के लोकसभा क्षेत्र में जाकर प्रेस कांफ्रेंस करना पूर्व कांग्रेसियों को महंगा पड़ सकता है। छत्तीसगढ़ की पूर्व प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा ने पूर्व संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी समेत 11 नेताओं को मानहानि का नोटिस दिया है। इन सभी को दो दिन के भीतर अपने आरोपों पर माफी नहीं मांगने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। सैलजा ने अपने वकील रोहित जैन के माध्यम से जिन नेताओं को नोटिस दिया है उनमें शिशुपाल सोरी के अलावा पूर्व विधायक प्रमोद शर्मा, चंद्रशेखर शुक्ला, अरूण सिंह, तुलसी साहू, अनिता रावटे व अन्य हैं। इन सभी ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर सैलजा पर कोयला और शराब घोटाला का सरंक्षण देने का आरोप लगाया था। सैलजा हरियाणा के सिरसा से चुनाव लड़ रहीं हैं।
1.मेरा मुवक्किल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सदस्य है और भारत सरकार की पूर्व कैबिनेट मंत्री कुमारी शैलजा का समर्थक है, जिन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने सिरसा से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामित किया है।
2. कि आप, उपरोक्त नोटिस प्राप्तकर्ता, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व नेता हैं, जो 2023 में छत्तीसगढ़ से विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग रहे थे।
3. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का पार्टी प्रभारी नियुक्त किया गया।
4. यह कि ग्राउंड रिपोर्ट, आपके प्रदर्शन और लोकप्रियता के कारण आपको, उपरोक्त नोटिस प्राप्तकर्ताओं को टिकट नहीं दिया गया, बल्कि अन्य उम्मीदवारों को टिकट आवंटित कर दिया गया, जिसके कारण आपने पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
5. हमारे संज्ञान में आया है कि आपने 18 मई 2024 को जानबूझ कर कुमारी शैलजा पर झूठा, निराधार एवं मानहानिकारक आरोप लगाया है। ये आरोप सरसा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सार्वजनिक रूप से लगाए गए थे और इससे कुमारी शैलजा की प्रतिष्ठा और समुदाय के भीतर प्रतिष्ठा को काफी नुकसान हुआ है।
6. कि भारतीय जनता पार्टी के सदस्य होने के नाते आपने जानबूझ कर सिरसा संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को प्रभावित करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से सिरसा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके ये आरोप लगाए हैं।
7. आपके द्वारा लगाए गए बेबुनियाद और मनगढ़ंत आरोप पूरी तरह से मनगढ़ंत, अपमानजनक, निंदनीय और असंसदीय हैं और इनसे कुमारी शैलजा की छवि खराब हुई है।
8. आपके द्वारा दिए गए बयान पूरी तरह से निराधार हैं और सच्चाई के प्रति लापरवाह उपेक्षा के साथ दिए गए हैं, जो आपको आपराधिक और साथ ही नागरिक अभियोजन के लिए उत्तरदायी बनाता है।
9. हम आपसे मांग करते हैं कि आप तुरंत कुमारी शैलजा के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान देना बंद करें। हम इस नोटिस की तारीख से दो दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी मांगने और अपने बयान वापस लेने की भी मांग करते हैं, ऐसा न करने पर हमारे पास उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
आपको बता दें कि भाजपा कार्यालय पहुंचकर पूर्व विधायकों ने प्रेस कान्फ्रेंस की। जिसमें कांकेर के पूर्व विधायक शिशुपाल सूरी, बलौदाबाजार के पूर्व विधायक प्रमोद शर्मा, चोलेश्वर चंद्राकर, अरुण सिंह, आलोक पांडे, ऊषा पटेल, वाणी राव, अजय बंसल, अनिता रावते व तुलसी साहु सहित अनेक नेता मौजूद थे। इन सभी ने कांग्रेस के साथ साथ कुमारी सैलजा को कटघरे में खड़ा किया था।
पूर्व विधायकों ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ में बतौर प्रभारी काम करते हुए कुमारी सैलजा ने टिकट वितरण के मामले में भी उचित उम्मीदवारों की अनदेखी करते हुए सिर्फ पैसा देने वाले लोगों को टिकटें दी जिसका नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में भारी नुकसान उठाना पड़ा।
सैलजा का छत्तीसगढ़ में हर जगह कमीशन फिक्स था….
कांकेर के पूर्व विधायक शिशुपाल सुरी ने कहा कि हमारा सिरसा में आने का मकसद केवल यही है कि यहां के मतदाताओं को इस बारे में जानकारी मिल सके कि आखिरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली कांग्रेस नेत्री कुमारी सैलजा खुद किस कदर भ्रष्टाचार में लिप्त रहती थी।