माठ में श्मशान घाट के तबादला का मामला पकड़ा तुल, राजस्व मंत्री एवं विधायक अनुज शर्मा से ग्रामीणों ने किया मुलाकात
खरोरा। समीपस्थ ग्राम माठ में श्मशान घाट के तबादला का मामला काफी तुल पकड़ रहा है।ग्राम पंचायत माठ के सरपंच सुरेन्द्र गेंद्रे के मनमानी और तानाशाही के चलते ग्रामीण जन बहुत ही परेशान है।अवगत हो कि ग्राम पंचायत माठ के श्मशान घाट जो पीढ़ी दर पीढी चलते आ रहे है।जिसमे आज तक किसी निजी भूमि स्वामी द्वारा दावा नहीं किया गया है
उसे अचानक ग्राम पंचायत माठ के सरपंच सुरेन्द्र गेनडरे द्वारा किसी राजकुमार नाम के निजी व्यक्ति का नाम बताकर उसके बदले मे कीमती शासकीय भूमि को तबादला हेतु अवैध तरीके से गुप्त रूप से प्रस्ताव दे दिया गया है।जिसकी जानकारी गांव वालों को भी नहीं था।गांव वालों को जब इसके बारे में पता चला तो ग्रामीणों का होश उड़ गये,इस पर गांव वालों ने जनपद सदस्य सुरेन्द्र वर्मा के पास जाकर पूरी मामला को बताया और उस विषय में जानकारी लिया तो मामला सही पाया गया और तब तक केश डिप्टी कलेक्टर तक पहुंच चुका था। जिसमे जनपद सदस्य वर्मा और गांव वालों द्वारा सामुहीक हस्ताक्षर कर अनुविभागीय अधिकारी तिल्दा नेवरा और अपर कलेक्टर रायपुर में तबादला नामा रोकने हेतु लिखित आपत्ति आवेदन लगाया गया जिस पर अनुविभागीय अधिकारी तिल्दा नेवरा राजस्व द्वारा बिना आपत्ति सुनवाई किए केश अपर कलेक्टर रायपुर को भेज दिया।जिस पर ग्रामीणों द्वारा 27 मई 2024 को पुनः आपत्ति आवेदन लगाया गया और साथ ही साथ क्षेत्रीय विधायक अनुज शर्मा व विभागीय मंत्री टंक राम वर्मा को तबादला नामा रुकवाने ज्ञापन दिया गया।सबसे बड़ी बात तो ये है
कि सरपंच द्वारा जो प्रस्तवा दिया है उसमे उपस्थिति में कुल 34 लोगों का हस्ताक्षर है उसमे भी अधिकांश लोगों को पता ही नहीं है कि उसमें श्मशान घाट की जमीन का तबादला की मामला है।और इतना ही नहीं सरपंच श्री गेनडरे द्वारा गौठान में स्वयं के द्वारा निर्मित 16 लाख रुपए की मुर्गी व बकरी शेड को भी उस भूमि को निजी भूमि बता कर बिना ग्राम पंचायत व ग्राम सभा प्रस्ताव व शासन की अनुमति बगैर तुड़वा दिया है और उस निजी भूमि स्वामी से 10 लाख रुपए लेने का मामला सामने आया है इसके अलावा गांव की मुख्य धरोहर चितावार नाला जो पेंड्रावन जलाशय( मुरा बंगोली )के भरने का मुख्य स्रोत है उसमे भी मनरेगा अंतर्गत शासन की 50 लाख से भी ज्यादा की राशि खर्च हुए है उसमें भी गांव के ही शासकीय भूमि की मुरूम मिट्टी बिना रायल्टी देकर किसी निजी भूमि स्वामी वाले के साथ मिलकर लेबल करा दिया है,जिसमे लगभग 50 एकड़ जमीन समतली करण हुआ है जिसमे शासन की लाखो रुपए की क्षति हुई हैं।
इस सब मामले में सी ई ओ तिल्दा नेवरा को जांच हेतु आवेदन दिया गया था जिसमें जांच भी हुआ है और सही भी पाया गया है और इसमें भी कार्यवाही अभी तक नही हुआ है।मामला इतनी ही नहीं है शासकीय राशन दुकान में भी हेरा फेरी के मामले में सरपंच सुरेन्द्र गेंद्रे पर 1473000 रुपए की वसूली अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तिल्दा नेवरा द्वारा ज्ञापन जारी किया गया है पर उसमे भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ है।इन सब मामलों को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और गांव वालों का कहना है कि अगर श्मशान घाट की जमीन का तबादला नहीं रुकता और उपरोक्त मामले में सरपंच पर करवाही नही होती तो हमे धरना प्रदर्शन व चक्का जाम जैसी अप्रिय घटना करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।ग्रामीणों में जनपद सदस्य सुरेन्द्र वर्मा,चंद्रिका वर्मा,मनीराम धीवर ,मनोहर धीवर,राकेश यादव ,विजय मरावी,शिवचरण वर्मा,कैलाश निर्मलकर,शिव वर्मा,भागवत मार्कण्डे,गंगाप्रसाद सोनवानी,बलदेव वर्मा,आनंद राम,रोहित भारद्वाज,पुनीत पटेल,संत पटेल,बाबूलाल पटेल,परमानंद पटेल,रविन्द्र वर्मा ,शेषणारायण वर्मा,शिवकुमार वर्मा,इतवारी पटेल,कुमार पटेल,शत्रुहान सेन,शत्रुहन पटेल,संतोष वर्मा,शिवकुमार पाल,मोटिम धीवर, कुमारी धीवर,पवन वर्मा ,हीरा वर्मा,मीना वर्मा,संतोषी वर्मा , शशी यादव,विजय यादव ,कुमार वर्मा, लल्ला वर्मा राजा निर्मलकर ,द्रोपति यादव सहित बहुत से ग्राम वासी थे।