किसकी चूक का नतीजा है बलौदाबाजार कांड? उपद्रवियों के हाथों में पेट्रोल बम से लेकर हजारों की भीड़ जुटने तक… जवाब तो देना ही होगा, जिम्मेदार कौन ?
रायपुर : सतनामी समाज में आक्रोश की चिंगारी ने बलौदाबाजार कलेक्टरेट को जलाकर खाक कर दिया। सोमवार शाम जब बलौदाबाजार जल रहा था, तो वो सिर्फ आक्रोश या आग नहीं, बल्कि सवालों की भी चिंगारी थी। सवाल तो सबसे बड़ा यही था, कि क्या वाकई में ऐसी घटना रोकी नहीं जा सकती थी? क्या ये इंटेलिजेंस फेल्योर नहीं था? क्या प्रशासनिक चूक और पुलिसिंग की बड़ी गलती नहीं थी? …8000 की भीड़ जब बलौदाबाजार में बवाल काटने पर उतारू थे, तो फिर आखिर अन्य जिलों से मदद क्यों नहीं ली गयी।
रायपुर से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दक्ष पुलिस अफसरों की मदद क्यों नहीं ली गयी? सवालों की लंबी लिस्ट के बीच बड़ा सवाल इंटेलिजेंस को लेकर ही है। खबर है कि करीब 5-6 दिनों से ऐसी लामबंदी की तैयारी थी। प्रशासन तक भी ये खबर थी कि समाज के लोग इस घटना पर काफी आक्रोशित हैं, ऐसे में समझाने की कोशिश अगर कामयाब नहीं हो रही थी, तो फिर आखिर सख्ती से कार्रवाई की तैयारी क्यों नहीं की गयी। जाहिर इस घटना की गलतियों को ढूंढने की कोशिश करेंगे , तो हर स्तर पर इसमें चूक और गलतियां नजर आयेगी।
पेट्रोल बम लेकर कैसे पहुंच गये उपद्रवी
कल ही जांच के दौरान पुलिस को ऐसे साक्ष्य मिले थे, जिससे ये साबित हो रहा था कि पेट्रोल बम के साथ उपद्रवी पहुंचे थे। जाहिर ऐसे प्रदर्शनकारियों का मकसद सिर्फ विरोध करना हो ही नहीं सकता, वो हिंसा फैलाने के ही मकसद से आये थे और इंटेलिजेंस को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। पुलिस ने अगर समय रहते प्रदर्शनकारियों के मंसूबों को भांप जाती, तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं हो पाती। सरकार की ओर से गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि उनके साथ 6 जून को समाज के लोगों के साथ बैठक हो चुकी थी।
उनकी मांग मान ली गई थी। समाज ने कह दिया था हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे। भीम रेजिमेंट नाम का संगठन बलौदा बाजार में 10 जून को भीड़ जुटाने के लिए युवाओं को उकसा रहा था। आंदोलन में कांग्रेस के कुछ नेता भी शामिल थे।
इतनी ज्यादा संख्या में लोगों को जुटने कैसे दिया गया?
बलौदा बाजार में दशहरा मैदान में धरना प्रदर्शन का आयोजन भीम क्रांतिवीर अध्यक्ष किशोर नवरंगे, प्रगतिशील सतनामी समाज के दीपक घृतलहरे, प्रगतिशील सतनामी समाज युवा प्रदेश अध्यक्ष मोहन बंजारे इसी संगठन के युवा प्रकोष्ठ के सुशील बंजारे, सतनाम सेवा समिति के जिला अध्यक्ष जितेंद्र नवरंगे, सतनामी समाज के वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश खुंटे, भुनेश्वर और भीम रेजीमेंट के दिनेश चतुर्वेदी ने कार्यक्रम के आयोजन का जिम्मा लिया था।
जिला प्रशासन से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का वादा करके बलौदा बाजार स्थित दशहरा मैदान में प्रदर्शन करने पहुंचे प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। प्रदर्शनकारियों ने दशहरा मैदान से एक किमी दूर स्थित तहसील, कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय पहुंचे और पुलिसकर्मियों के बेरिकेड्स को तोड़कर आग लगा दी। आगजनी में एसपी-कलेक्ट्रेट कार्यालय जल गया। वहीं तहसील कार्यालय के बाहर खड़ी गाड़ियों में बेकाबू प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी।