छत्तीसगढ़

सुरक्षा बलों ने 161 दिन में 141 नक्सलियों का किया एनकाउंटर, जानें कब-कब हुआ नक्सलियों का एनकाउंटर

रायपुर : नक्सलियों के गढ़ बस्तर संभाग को नक्सलवाद से मुक्त कराने के लिए छत्तीसगढ़ में जवानों ने अभियान चला रखा है। लगातार नक्सलियों का एनकाउंटर हो रहा है। इससे नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं। नक्सल मोर्चे पर फोर्स को एक के बाद एक बड़ी कामयाबी मिल रही है। बस्तर की मनमोहक और खूबसूरत प्राकृतिक वादियों से ‘लाल आतंक’ के साये को खत्म करने के लिए बस्तर संभाग में फोर्स मोर्चा संभाली हुई है। 161 दिन के अंदर बड़े नक्सल एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने 141 नक्सलियों को मौत के घाट उतारे हैं। इससे पूर्व 10 मई को बीजापुर में पुलिस फोर्स ने एनकाउंटर में 12 नक्सलियों को मौत की नींद सुलाई थी।

16 अप्रैल को कांकेर में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गये थे। यह देश की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ थी, जिससे नक्सली डर के भय से कांप उठे थे। 30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। बूझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में डीआरजी और एसटीएफ के जवानों का सामना नक्सलियों से हुआ था। मारे गए नक्सलियों में 3 महिला और 7 पुरुष माओवादी शामिल थे। प्राथमिक तौर पर मुठभेड़ में मारे गये माओवादियों में से 2 की शिनाख्तगी डीवीसीएम जोगन्ना और डीवीसीएम विनय उर्फ अशोक के रूप में हुई थी। इस साल बस्तर रेंज में 141 माओवादी ढेर हो चुके हैं।

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी ने बताया कि वर्ष 2024 में अब तक प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई नक्सली संगठन के विरूद्ध चले अभियानों में बस्तर रेंज के तहत कुल 141 नक्सलियों के शव बरामद करने के साथ ही अत्याधुनिक हथियारों में दो एलएमजी, चार एके-47- 04, एक एसएलआर, तीन इंसास, चार 303 रायफल और चार 9एमएम पिस्टल सहित बड़ी संख्या में अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद हुई हैं।

27 मार्च को नक्सल डिप्टी कमांडर समेत 6 नक्सलियों का किया एनकाउंटर

27 मार्च को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के चिपुरभट्टी-पुसबाका के पास वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ जवानों ने एक नक्सली डिप्टी कमांडर समेत छह नक्सलियों को मार गिराया था। घटना स्थल से नक्सलियों के शव समेत हथियार बरामद हुए थे। मारे गए नक्सलियों में एक महिला नक्सली भी शामिल थी। मामला बासागुड़ा थाने क्षेत्र का था।

2 अप्रैल को 13 नक्सली ढेर

दो अप्रैल को बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में हुई जबरदस्त मुठभेड़ में पुलिस ने तीन महिला नक्सली समेत 13 नक्सलियों को मार गिराया था। घटनास्थल से पुलिस ने कई अत्याधुनिक हथियार बरामद किये थे। इनमें 1 नग 7.62 एलएमजी -58 राउंड, 1 नग 303 रायफल -39 राउंड, 12 बोर सिंगल शॉट 1 नग, बीजीएल लांचर 3 नग – 17 सेल, एयर गन 2 नग, विस्फोटक – हेंड ग्रेनेड 1, यूबीजीएल सेल 1, टिफिन बम 7 नग, जिलेटिन स्टीक कार्डेक्स वायर, सेफ्टी फ्यूज, डेटोनेटर, इलेक्ट्रिक वायर, उपकरण -लेपटॉप, डीव्हीडी राईटर, वॉकीटॉकी और नक्सली वर्दी, पिट्ठू, सोलर प्लेट, नक्सली प्रचार प्रसार सामग्री, नक्सली साहित्य और रोजमर्रा के सामान शामिल थे।

6 अप्रैल को मारे गये 3 नक्सली 

फोर्स और नक्सलियों के साथ 6 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गये थे। तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर पुजारी कांकेर के कर्रीगुटा के जंगलों में मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर हुए थे। मामला उसूर थाने क्षेत्र का था। इतना ही नहीं घटनास्थल से एक एलएमजी और एक एके-47 समेत कई हथियार बरामद हुए थे।

देश में पहली बार 16 अप्रैल को 29 नक्सलियों को सुलाया मौंत की नींद

16 अप्रैल को कांकेर जिले के छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के माड़ इलाके में देश की सबसे बड़ी मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गये थे। पुलिस फोर्स और नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में नक्सली कमांडर शंकर राव ढेर हो गया था। शंकर राव पर 25 लाख का इनाम था। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में हथियार बरामद किया था। मारे गए सभी नक्सलियों पर कुल 1 करोड़ 78 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वहीं नक्सलियों से जब्त एके- 47 और इंसास जैसे हथियारों पर पुलिस ने 7 लाख 55 हजार का इनाम रखा था।

30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर

30 अप्रैल को 9 घंटे तक चली मुठभेड़ जवानों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। बूझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में डीआरजी और एसटीएफ के जवानों का सामना नक्सलियों से हुआ था। मारे गए नक्सलियों में 3 महिला और 7 पुरुष नक्सली शामिल थे। प्राथमिकतौर पर मुठभेड़ में मारे गये नक्सलियों से 2 की शिनाख्तगी डीवीसीएम जोगन्ना और डीवीसीएम विनय उर्फ अशोक के रूप में हुई थी।

10 मई को बीजापुर के पीड़िया जंगल में 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में 12 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पीड़िया के जंगल में 10 मई की सुबह 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए। इस दौरान दो जवान घायल भी हुए थे। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सभी 12 नक्सलियों के शव और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार भी बरामद किये गये थे। जवानों को गंगालूर थाना क्षेत्र के पीड़िया इलाके में नक्सलियों के टॉप हार्डकोर नक्सली कमांडर लिंगा और पापाराव समेत बड़े लीडर्स के जंगल में होने की सूचना मिली थी। नक्सलियों की इस कमेटी में डीकेएसजेडसी, डीवीसीएम और एसीएम कैडर के बड़े नक्सली भी मौजूद थे। सूचना पर पड़ोसी जिले दंतेवाड़ा,सुकमा व बीजापुर से एसटीएफ, डीआरजी, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के 1200 जवानों ने साझा अभियान चलाया था, जिसमें मौके पर 12 नक्सली ढेर हो गये।

23 और 24 मई को 8 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ में 23 मई को नारायणपुर के अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षा बल के जवानों ने धावा बोला। जंगल के अंदर बड़ी संख्या में नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना पर बस्तर फाइटर्स और एसटीएफ के करीब एक हजार जवान रवाना हुए थे। पुलिस जैसे ही जंगल के भीतर घुसी, नक्सलियों ने उन पर हमला बोल दिया। जवानों ने भी मोर्चा संभाला और घंटों तक रुक-रुककर फायरिंग होती रही। मुठभेड़ के बाद मौके से सात नक्सलियों के शव मिले। पुलिस ने घटनास्थल से नक्सलियों के शव के साथ बड़े पैमाने पर हथियार, दवाई और दैनिक सामग्री जब्त की। इसके बाद 24 मई को नारायणपुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच फिर मुठभेड़ हुई थी। अबूझमाड़ के इलाके में नक्सलियों ने फोर्स पर उस वक्त हमला बोला, जब पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सात नक्सलियों के शव लेकर वापस लौट रही थी। इस दौरान एनकाउंटर में एक और नक्सली मारा गया। इस तरह कुल 8 नक्सली मारे गये।

25 मई को सुकमा और बीजापुर जिले में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर

8 जून अबूझमाड़ के आमदई एरिया में 6 नक्सली मारे गये

10 मई बीजापुर में पुलिस फोर्स ने एनकाउंटर में 12 नक्सलियों को मौत की नींद सुलाई

और अब 15 जून को नारायणपुर जिले के ओरछा थाना के फरसबेड़ा-धुरबेड़ा के बीच सुरक्षाबलों की नक्सलियों के मुठभेड़ में 8 नक्सलियों ढेर

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