राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी NEET-NET paper leaked की गूंज, बोलीं- इससे ऊपर उठकर काम करने की जरूरत, सख्त एक्शन को सरकार प्रतिबद्ध-
18वीं लोकसभा का पहला सत्र जारी है और सभी नवनिर्वाचित सदस्य शपथ ले चुके हैं। सत्र के चौथे दिन (27 जून) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान अगले 5 सालों के लिए नई सरकार के रोडमैप की रूपरेखा सामने रखीं। राष्ट्रपति के अभिभाषण में NEET-NET paper leaked की गूंज सुनाई दी। राष्ट्रपति, जब शिक्षा नीति का उल्लेख कर रहीं थी, उस समय विपक्ष ने नीट-नीट के नारे भी लगाए।
“कोई गधा नहीं सब घोड़े हैं, बस करनी है पहचान…” -Rahul Gandhi
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में पेपर लीक का जिक्र करते हुए कहा कि पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पहले भी कई राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं। इस मामले पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देश व्यापी ठोस उपाय करने की जरूरत है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बताया कि परीक्षाओं में किस भी तरीके की रुकावट उचित नहीं है। हाल ही में पेपर लीक की घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का काम सरकार कर रही है। पहले भी कई राज्यों में पेपर लीक का मामला आया है। इसके खिलाफ दलीय राजनीति से ऊपर उठना होगा।
बता दें कि देश में इस समय NEET-NET paper leaked को लेकर कोहराम मचा हुआ है। नेट का पेपर कैंसल कर दिया गया है। वहीं नीट की परीक्षा फिर से करने की मांग की जा रही है। इसे लेकर अभ्यर्थी लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं विपक्ष भी लगातार सरकार पर हमलावर है और मोदी सरकार पर लगातार निशाना साधते हुए परीक्षा दोबारा कराने की मांग कर रही है। हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। फिलहाल कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया है।
आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था
राष्ट्रपति ने कहा- आने वाले कुछ महीने में भारत गणतंत्र के रूप में 75 साल पूरे करने जा रहा है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी कई बार हमले हुए है। आज 27 जून है, 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल संविधान पर हमले का सीधा सबूत है। लेकिन देश ने इससे उबरकर दिखाया।