फडणवीस से अचानक मुलाकात पर उद्धव ने ली चुटकी, ना ना करते प्यार तुम्ही से कर बैठे…. लिफ्ट में क्या हुई बात…
नई दिल्ली: उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीसऔर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानभवन की एक ही लिफ्ट में सफर किया। इसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में तीखी बहस छिड़ गई है। सवाल खड़ो हो गया कि आखिर इन दोनों नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई। इस मुलाकात पर शिवसेना यूबीटी के मुखिया उद्धव ठाकरे ने प्रतिक्रिया दी है।
उद्धव ठाकरे ने मजाक में कहा कि यह हमारी सीक्रेट मीटिंग थी और अब आगे से ऐसी बैठकें लिफ्ट में ही किया करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अचानक से मेरी मुलाकात देवेंद्र फडणवीस से हो गई। अब इससे कई लोगों को लगा होगा कि ना ना करते प्यार तुम्ही से कर बैठे। लेकिन इस मुलाकात में ऐसा कुछ भी नहीं था। यह बस केवल एक इत्तेफाक था।
शिवसेना यूबीटी चीफ ने शिंदे सरकार पर भी जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लोग इस खोके सरकार को अलविदा कह रहे हैं। राज्य की सरकार कल कल्याणकारी योजनाओं का ऐलान करेगी। कल बजट भी पेश किया जाएगा और सिर्फ ऐलान हीं होंगे।
सरकार को इस बात पर भी बोलना चाहिए कि पिछले दो साल में कितनी घोषणाएं पूरी की गईं। इतना ही नहीं बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह लीकेज की सरकार है। राम मंदिर से लेकर एग्जमाम तक सभी कुछ लीक हो रहे हैं।
किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए- उद्धव ठाकरे
शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि सीएम शिंदे ने कहा था कि किसानों की आत्महत्याएं नहीं होंगी। अमरावती से औसतन एक किसान ने सुसाइड किया है। हमारे सीएम एक अमीर किसान हैं। वह हेलीकॉप्टर से खेत में जाते हैं। राज्य सरकार पर किसानों का करीब 10,022 करोड़ रुपये का मुआवजा बकाया है। ठाकरे ने यह भी कहा कि दुर्भाग्य से एनडीए सरकार दोबारा से केंद्र में वापस लौट आई है। मेरी यही मांग है कि इलेक्शन से पहले किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए।
एमवीए ने एनडीए को दी मात
इस साल के आखिर में होने वाले महाराष्ट्र चुनाव से पहले यह आखिरी विधानसभा सत्र है। इस आम चुनाव में एमवीए ने भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के सत्तारूढ़ गठबंधन को मात दी है। इसके बाद इन चुनावों में कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। 48 लोकसभा सीटों में से एमवीए ने 30 और एनडीए ने 17 सीटें जीतीं।
पिछले चुनाव से अलग होगा मुकाबला
2019 में पिछले राज्य चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल किया। लेकिन सहयोगी दलों के बीच बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद हो गया और ठाकरे ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन किया।
चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत
2022 में उद्धव ठाकरे सरकार गिर गई, जब उनके भरोसेमंद साथी एकनाथ शिंदे बागी हो गए। इसके बाद शिवसेना में फूट पड़ गई। शिंदे ने अगली सरकार बनाने के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन किया। इसके बाद, एनसीपी नेता अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी, जिससे एनसीपी में फूट पड़ गई। अजित पवार भी राज्य सरकार में शामिल हो गए।