छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ी फिल्मों के प्रख्यात हास्य कलाकार शिव कुमार दीपक का निधन, कचरा-बोदरा का किरदार देखकर आज भी नहीं रूकेगी हंसी

रायपुर:  छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत छॉलीवुड को कल देर शाम एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल छत्तीसगढ़ी फिल्मों के प्रख्यात हास्य कलाकार शिव कुमार दीपक का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। आज यानि 26 जुलाई को उनका अंतिम संस्कार गृह ग्राम पोटिया कला, जिला दुर्ग किया जाएगा। शिव कुमार दीपक के निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं प्रदेश भर में शोक की लहर है।

शिव कुमार दीपक का करियर लंबा रहा है, उन्होंने दाऊ रामचंद्र देशमुख के साथ ‘चंदैनी गोंदा’ से अपने कला जीवन की शुरुआत की थी और फिर वो यहीं नहीं रूके। उन्होंने नाट्य मंच से लेकर बड़े पर्दे तक का सफर तय किया। शिव कुमार दीपक ने छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म ‘कहि देबे संदेश’ ‘घरद्वार’, ‘मया दे दे मया ले ले’, ‘मयारू भौजी’ ‘तोर मया के मारे’, ‘परेदशी के मया’, ‘मया के चिठ्ठी’, ‘ए मोर बांटा’, ‘टुरी नंबर-1′,’पठौनी के चक्कर’, ‘तीजा के लुगरा’ और तोर संग जीना संगी तोर संग मरना जैसी कई सफल फिल्मों में काम किया।

बात करें शिव कुमार दीपक के अभिनय की तो उन्होंने अधिकतर फिल्मों में महिला का किरदार ऐसे निभाया कि एक महिला भी ऐसा अभिनय नहीं कर पाती। उन्होंने छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जाने-माने निर्माता निर्देशक प्रेम चंद्राकर, सतीश जैन, संतोष जैन के साथ दूरदर्शन से लेकर बीबीसी के कार्यक्रमों में अपने अभिनय की उम्दा छाप छोड़ी थी।

बता दें कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों में कॉमेडियन की फेहरिस्त में उनका नाम टॉप पर रहा है। शिवकुमार दीपक की उम्र लगभग 90 के आसपास रही है, पर उनका अभिनय उनकी सांसों में समाया हुआ था। उनका हर कदम एक्टिंग के लिए समर्पित रहा। छत्तीसगढ़ की पहली फिल्म कहि देबे संदेश से अभिनय की शुरुआत हुई और घरद्वार में भी एक्टिंग की। बता दें कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये दोनों फिल्में मील का पत्थर मानी जाती हैं।

 

 

 

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button