छत्तीसगढ़

शिक्षक कांग्रेस संघ के वार्षिक सम्मेलन में शिक्षकों की मांगों को लेकर बनी रणनीति…

बिलाईगढ़। छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस संघ ने नगर पंचायत भटगांव के केशरवानी भवन में वार्षिक सम्मेलन एवं सह कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में संघ के विस्तार के साथ-साथ शिक्षकों की लंबित मांगों पर चर्चा की गई और भाजपा सरकार से इन मांगों को पूर्ण कराने की रणनीति बनाई गई। इसके साथ ही संघ के प्रति शिक्षकों में फैली भ्रांतियों को भी दूर किया गया।

इस कार्यक्रम में संघ के प्रांताध्यक्ष अनिल शुक्ला सहित अन्य प्रांतीय पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रांताध्यक्ष अनिल शुक्ला ने अपने संबोधन में बताया कि पिछले पाँच वर्षों से शिक्षक अपनी मांगों को सरकार के सामने रखते आ रहे हैं, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उनकी एक भी मांग पूरी नहीं की। उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है और चुनाव के समय छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने याद दिलाया कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने ‘मोदी की गारंटी’ के तहत चुनावी संकल्प पत्र में शिक्षकों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक इन मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

संघ का विस्तार और नई जिम्मेदारियों का वितरण

कार्यक्रम के दौरान प्रांताध्यक्ष अनिल शुक्ला ने छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस संघ का विस्तार किया। नवीन जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ और बलौदाबाजार जिले के शिक्षकों को संघ की जिम्मेदारियां और उद्देश्यों को बताते हुए नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गईं। इसके साथ ही उन्हें नियुक्ति पत्र भी सौंपा गया।

संघ के प्रति भ्रांतियों का निवारण

अनिल शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस संघ का किसी भी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी से कोई संबद्धता नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ का ‘कांग्रेस’ शब्द महासभा को दर्शाता है, न कि किसी राजनीतिक पार्टी को। यह संघ पूरी तरह से शिक्षकों का संघ है और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए समर्पित है।

आगामी आंदोलन की चेतावनी

प्रांताध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि अगर वर्तमान सरकार ने शिक्षकों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो संघ उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपनी मांगों को पूरी कराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।इस कार्यक्रम ने शिक्षकों के बीच एकता और संघर्ष की भावना को और मजबूत किया है, और सरकार को उनकी मांगों को गंभीरता से लेने के लिए सचेत किया है।

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