तो क्या SECL कुसमुुंडा खदान में इस लापरवाही ने ले ली असिस्टेंट मैनेजर की जान, घटना के बाद प्रबंधन ने जारी किया ये फरमान…..!
कोरबा । कोरबा में एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में 27 जुलाई को असिस्टेंड मैनेजर की भारी बारिश के सैलाब में बह जाने से मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद प्रबंधन ने घटना की वजह असिस्टेंट मैनेजर के द्वारा खदान में मोबाइल पर गेम खेलने की गंभीर लापरवाही बतायी है। प्रबंधन की माने तो असिस्टेंट मैनेजर को कई बार अलर्ट भी किया गया, लेकिन वह नही संभला जिससे ये बड़ा हादसा घटित हुआ। एसईसीएल के महाप्रबंधन ने इस घटना से सबक लेते हुए अब एक आदेश जारी करते हुए खदान परिक्षेत्र में मोबाइल पर गेम खेलने या फिर किसी तरह की गंभीर लापरवाही बरतने पर एक्शन लेने का आदेश जारी किया है।
गौरतलब है कि एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में 27 जुलाई को भारी बारिश के बीच बड़ा हादसा हो गया था। खदान में इस्पेक्शन के लिए उतरे असिस्टेंट मैनेजर जितेंद्र नागरकर सहित 5 अन्य कर्मी पानी के सैलाब के बीच फंस गये थे। इस घटना में जितेंद्र नागरकर पानी के तेज बहाव में बह गये थे, जिससे उनकी मौत हो गयी थी। घटना के करीब 16 घंटे बाद एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू आपरेशन चलाकर शव बरामद किया था। इस घटना की जांच अभी डीजीएमएस द्वारा की जा रही है। लेकिन घटना के ठीक 48 घंटे बाद एसईसीएल कुसमुंडा के महाप्रबंधक ने एक आफिस आर्डर जारी किया है। इस आफिस आर्डर में 27 जुलाई को हुए घटना का जिक्र करते हुए असिस्टेंट मैनेजर की मौत की वजह खदान एक गुमटी में बैठकर मोबाइल पर गेम खेलना बताया गया है।
पत्र में बताया गया है कि मौके पर मौजूद कर्मियों द्वारा असिस्टेंट मैनेजर जितेंद्र नागरकर को भारी बारिश को देखते हुए अलर्ट भी किया गया। लेकिन वह सारे खतरों को नजर अंदाज कर मोबाइल पर गेम खेलने में ही व्यस्त रहा। जिसके कारण ये बड़ी दुर्घटना घटी। कुसमुंडा परियोजना के महाप्रबंधन ने आफिस आर्डर में सभी कर्मचारियों को चेतवानी दी है कि खदान परिक्षेत्र में इस तरह की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नही की जायेगी। खदान परिक्षेत्र मेें मोबाइल पर गेम खेलने या फिर किसी अन्य प्रकार की गंभीर लापरवाही की शिकायत मिलने पर तत्काल एक्शन लिया जायेगा।
एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना के जीएम का यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसे लेकर एसईसीएल के कर्मचारी अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहे है। फिलहाल असिस्टेंट मैनेजर की मौत की असल वजह क्या थी ? खदान में पानी घुसने की असल वहज क्या रही ? प्रबंधन ने मानसून प्रिपरेशन को लेकर किस तरह की तैयारी की थी कि इतना बड़ा हादसा हो गया ? ये कई सवाल है जो प्रबंधन की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते है। ऐसे में कुसमुंडा महाप्रबंधक की ये दलील कितनी कारगर और सही है, ये तो डीजीएमएस की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।