महासमुंद। आज के इस आधुनिक युग मे भी छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम बुटीपाली मे एक शख्स नींबू चाटने से महिलाओं को गर्भ धारण कराने का दावा कर रहा था । जिसकी शिकायत मिलने के बाद प्रशासन ने आखिरकार बाबा के दरबार को बंद करा दिया।
दरअसल ग्राम बुटीपाली निवासी 36 वर्षीय पीतांबर जगत अपने निवास पर प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को दरबार लगाता था । दरबार मे छत्तीसगढ़, उडीसा, झारखंड, कश्मीर और अन्य राज्यों से भी लोग आकर इलाज कराते थे। पीतांबर जगत बाबा का दावा है कि जिन महिलाओ को संतान नही हो रहा है, वो हमारे यहां आये और वे मात्र नीबू को चाटे और मदार का फूल खाये तो उन्हे गर्भ धारण हो जायेगा। बाबा के दरबार मे हर दिन डेढ़ से दो हजार लोग आते थे । इसकी जानकारी जब अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के डा दिनेश मिश्रा को लगी तो इन्होने कलेक्टर महासमुंद से शिकायत की। इस शिकायत पर तहसीलदार, एसडीएम, खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं पुलिस की एक टीम बनाकर ग्राम बुटीपाली के बाबा के यहाँ भेजी गयी । जहां लोगो का बयान दर्ज किया गया।
जांच के बाद बंद कराया दरबार-
प्रशासन ने मामले की जांच के बाद यहां बाबा के दरबार लगाने पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि बाबा का ये दरबार पिछले पांच महीने से चल रहा था। बाबा झाड़ फूंक से इलाज करने का दावा करते है।
बाबा पर लोगों का विश्वास कायम-
बाबा के बारे मे गांव के लोगो ने बताया कि बाबा पर ठाकुर देव विराजे हुवे है, देव उन्हे जंगल की एक गुफा मे ले गये थे, जहां बाबा ने 7 दिनो तक आराधना की और वहाँ से आने के बाद लोगों का झाड़ – फूंक करने लगे। ग्रामीणो का कहना है कि बाबा का दरबार लगता था और लोग दूर दूर से इलाज कराने आते थे, मगर फिलहाल प्रशासन दरबार बंद करा दिया है, वही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा पी कुदेशिया इसे अंध विश्वास बताते हुवे संज्ञान मे आने के बाद बंद करा देने की बात कह रहे है।
अंधविश्वास फैलाने वालों पर सख्ती बरतने की है जरूरत
महासमुंद के जगत बाबा की तरह पूरे छत्तीसगढ़ में ऐसे बाबाओं की भरमार है, जो इसी तरह झड़फूंक और गंडे- ताबीज से लोगों के उपचार और मनचाही इच्छा पूरी करने का दावा करते हैं। ऐसे लोगों पर सख्ती बरतने की जरूरत है। मगर दिक्कत यह भी है कि पुलिस या प्रशासन ऐसे मामलों में लोगों की शिकायत का इंतजार करती है। बूटीपाली के बाबा के मामले में भी पुलिस ने अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति की शिकायत के बाद कार्रवाई की, जबकि इससे पहले जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि बाबा के दरबार की उन्हें जानकारी मिली है मगर फिलहाल उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है। आखिरकार शिकायत के बाद मामले में कार्रवाई की गई।