राधिका महरा एक प्रेरणादायक सामाजिक कार्यकर्ता एवं निष्ठावान नेता
रायपुर : राधिका महरा एक प्रेरणादायक सामाजिक कार्यकर्ता और एक निष्ठावान नेता हैं, जिन्होंने अपनी सामाजिक परियोजनाओं के माध्यम से अनेकों का जीवन संवारा है। उनका जन्म और पालन-पोषण छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा भी वहीं से पूरी की। राधिका ने अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत नेहरू युवा केंद्र युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय युवा स्वयं सेविका के रूप में किया। उसके बाद समर्थन संगठन, रायपुर में की, जहाँ उन्होंने न केवल समुदायों को सक्रिय किया बल्कि उन्हें सशक्त भी बनाया।
राधिका का पेशेवर सफर उनकी गहरी सामाजिक चिंतनशीलता और समर्पण का परिचायक है। उन्होंने अपनी पहली बड़ी पहल के रूप में युवाओं के लिए नशामुक्ति शिविरों का आयोजन किया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त से बचाना और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली की ओर प्रेरित करना था। इसके लिए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को खेल से जोड़ा ताकी युवा पीढ़ी खेल में समय दे और अपना मानसिक शारीरिक स्वास्थ को विवेक पूर्ण बना सके। इन्होंने जिला और राज्य स्तरों के खेल का आयोजन भी कराए।
COVID-19 महामारी के दौरान राधिका ने ग्रामीण जन जीवन के लिए विशेष सहायता की पहल की। उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से इस समुदाय के लिए आर्थिक और मानसिक सहायता की अपील की। इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य और न्यायिक प्रणाली में सुधार के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण पत्र लिखे। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य आयोग से अपील की कि COVID-19 के दौरान दवाओं की उच्च कीमतों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इस दौरान इन्होने निस्वार्थ सेवा दिए अपने गांव से 400 km की दूरी चिल्पी घाटी MP – CG बॉर्डर में राजस्थान, पंजाब, कोटा से आने वाले शरणार्थियों को खाना खिलाने और रात्रि विश्राम में सहयोग प्रदान किए अपने जान का परवाह न करते हुवे जबकि उस समय बहुत ही गंभीर परिस्थि थी।
राधिका महरा का जीवन बहुत ही संघर्ष शील रहा है इन्होंने 21 साल के उमर में ही सादी होने के बाद समाज कल्याण के लिए जुड़ी रही और 2 माह के बच्चे को साथ रख समाज सेवा के लिए निरन्तर प्रयास रत रही महिलाओ को आगे बढ़ाने तथा आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए महिला मिस्त्री, महिला प्लबर कार्य का कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।
राधिका ने सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के क्षेत्र में भी गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने न केवल दिशा और मनीषा मामलों में न्याय सुनिश्चित करने की मांग की, बल्कि उन्होंने ‘बीसी’ समुदाय के मूल्यों और उनके योगदान को स्पष्ट करने वाले वीडियो भी पोस्ट किए। इसके अलावा, उन्होंने वंचित समुदायों के लिए शिक्षा के अवसरों को बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि स्कूलों की जागरूकता को प्रोत्साहित किया। वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को नावोदय विद्यालय, रामकृण मिशन, जैसे स्कूलों को कोचिंग संस्थान फ्री में दिए और बच्चों को वहा तक पहुंचने में पुर्ण सहयोग प्रदान किए।राधिका ने मणिपुर के पीड़ितों के लिए तत्काल रणनीति और संरक्षण की मांग करते हुए, राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी आवाज उठाई।
राधिका महरा की प्रतिबद्धता और उनकी उपलब्धियों को कई पुरस्कारों द्वारा मान्यता प्राप्त हुई है, जिसमें ‘बेस्ट सोशल वर्कर’, ‘बेस्ट कम्युनिटी मोबिलाइजर’, आइडल्स ऑफ भारत, ‘नेशनल यूथ वॉलेंटियर अवार्ड’ शामिल हैं। उनके नेतृत्व में भारती महिला शक्ति फाउंडेशन ने ‘मेरी उड़ान मेरी पहचान’ जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक चलाया है, जिसमें विभिन्न सामाजिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को उनकी आत्मनिर्भरता और सशक्तीकरण की ओर अग्रसर किया गया है।
समर्थन संस्था अन्तर्गत इन्होंने सामाजिक उत्तरदायित्व को भली भाती निभाते हुवे दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के धौराभाठा गांव को शिक्षा, स्वस्थ्य, स्वच्छता, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, कृषि गतिविधी में नवाचार और गंदा पानी प्रबंधन साथ ही माहवारी स्वच्छता आदि में मॉडल गांव बनाया है जिसे जिला प्रशासन द्वारा निरीक्षण किया जाता है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए इन्होंने 6000 हजार ग्रामीण माहिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप को प्रषिक्षण में सहयोग प्रदान किए हैं। महिलाओ के प्रति बहुत ही संवेदनशीलता से ग्रामीण क्षेत्रों के रूढ़ी वादी धारणाओं में परिवर्तन लाया है जिसमे टोनही प्रथा, महिला हिंसा, किशोरी बालिकाओं को सुरक्षित महसूस कराना आदि शामिल है।
बाल विवाह/बाल मजदूरी के खिलाफ जन जागरूकता और समुदाय में मुहिम चलाई गई है जिससे 145 बच्चों का भला हो पाया है । शिक्षा के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ा और अभी सभी बच्चे पढ़ाई लिखाई कर रहे है। जो बच्चे पढ़ाई लिखाई नहीं कर पाए उनको कौशल प्रशिक्षण दिया गया।
राधिका महरा छत्तीसगढ़ में रहकर वहा की जन समुदाय के लोगों के अधिकारों को बताती है की प्रशासन विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय योजनाओं राज्य की योजनाओं का कैसे लाभ लिया जाए और कम संसाधन में बहुत ऊंचाई तक पहुंचा जा सकता हैं।
राधिका महरा 2017 से समाज सेवा के कार्य कर रही है उन्होंने इस 7 वर्ष के सफर में रास्ट्रीय राज्य स्तर के 20 से भी अधिक पुरुस्कार प्राप्त किए है सेवा के छेत्र में। जो अत्यंत सराहनीय है। इनका जीवन समाज के सेवा सुरक्षा और सुधार में लगा हुआ है। जीवन पर्यंत लगा रहेगा।
राधिका के इस मुकाम तक पहुंचने में उनकी मां श्रीमती मुन्नी बाई महरा और 5 बहनों का विशेष योगदान है जिन्होंने खुद रोजी मजदूरी करके अपने बेटी का सपना पूरा किए उसी प्रकार बहनों ने भी हमेशा साहस बनाएं रखे।
राधिका की सफलताओं और पहलों ने न केवल विभिन्न सामुदायिक समस्याओं का समाधान किया है बल्कि उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में भी स्थापित किया है, जिनका जीवन और कार्य भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण बन गया है।