सरपंच बर्खास्त: पद का दुरुपयोग करने साथ,गड़बड़ी करने वाले सरपंच बर्खास्त….
धमतरी : धमतरी में एक सरपंच को बर्खास्त कर दिया गया, ग्रामीणों के शिकायत के पर जांच एवं बयान के बाद अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय ने आदेश जारी करते हुए ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी के सरपंच को बर्खास्त कर दिया है,मिली जानकारी के अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत धमतरी के प्रतिवेदन के आधार पर प्रकरण प्रारंभ किया गया, उक्त प्रतिवेदन में उल्लेखित था कि ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी (दे.) के सरपंच संतोष हिरवानी के विरूद्ध शिकायत जांच उपरांत ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी (दे.) द्वारा लगभग 3.50 एकड़ घास जमीन को खेत बनाकर लगभग 7 वर्षों से कब्जा कर पद का दुरूपयोग किया गया, अवैध मलमा, मिट्टी उत्खनन एवं अवैध मुरूम उत्खनन कर बाहर विक्रय के संबंध में शिकायत किया गया है।
सरपंच घास जमीन से खेत बनाकर इस मद की प्राप्त राशि का ग्रान पंचायत निधि एवं शाला विकास प्रबंधन समिति के निधि में जमा करना नही पाया गया जो कि पंचायत राज अधिनियम 1993, छ.ग. पंचायत लेखा नियम 1999 के नियम 18,19 एवं 20 का उल्लंघन एवं मुरूम परिवहन संबंधी किसी प्रकार की अग्रिम रेत रायल्टी, अभिवहन पास एवं मुरूम परिवहन की किसी प्रकार का लेखा जोखा उपलब्ध नही कराना पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 (1) (1) में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार का दोषी पाया गया,संतोष हिरवानी सरपंच ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी (दे.) के विरूद्ध पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
संतोष हिरवानी सरपंच ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी (दे.) ने कारण बताओ नोटिस का जवाब पेश किया गया। जिसमें बताया कि गणेश संबंधी शिकायत को निराधार मानते हुए निरस्त किया गया था। 3.50 एकड़ घास भूमि को कोटवार के माध्यम से मुनादी कर नीलामी कर ग्राम के 4 व्यक्ति द्वारा कृषि कार्य किया जा रहा है तथा प्राप्त राशि शाला विकास एवं प्रबंधन समिति को दिया गया और पूरी राशि का पारदर्शिता पूर्ण शाला विकास मे खर्च कर हिसाब किताब शाला विकास एवं प्रबंधन समिति द्वारा दे दिया गया है किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है।
न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी धमतरी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रकरण में संलग्न दस्तावेज, जांच अधिकारी का प्रतिवेदन, शिकायतकर्ता का कथन, अनावेदक सरपंच का कथन, अनावेदक साक्षी का कथन एवं अनावेदक सरपंच के लिखित तर्क एवं दस्तावेजो के अवलोकन के आधार पर एसडीएम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी (दे.) के सरपंच संतोष हिरवानी द्वारा घास जमीन से खेत बनाकर इस मद की प्राप्त राशि का ग्राम पंचायत निधि एवं शांला विकास प्रबंधन समिति के निधि में जमा करना नही पाया गया, शासकीय घास भूमि को खेत बनाकर 7 वर्ष पूर्व शाला विकास प्रबंधन समिति को दिया जाना बताया गया परंतु उक्त संबंध में ग्राम सभा का प्रस्ताव 21.04.2022 को पारित किया गया।
शासकीय भूमि को किसी व्यक्ति या संस्था को प्रदाय किया जाना सरपंच की स्वेच्छाचारिता का परिचायक है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत धमतरी के जांच रिपोर्ट से भी स्पष्ट है कि उक्त भूमि से प्राप्त आय के लेखा जोखा का संधारण पंचायत में नही किया गया है। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा उक्त प्रतिवेदन में भी इस तथ्य की पुष्टि की गई है।संतोष हिरवानी सरपंच द्वारा किया गया यह कृत्य छ.ग. पंचायत लेखा नियम 1999 के नियम 18, 19 एवं 20 का उल्घंघन है एवं पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 (i) के अंतर्गत कदाचार की श्रेणी में आता है।
इसलिए संतोष हिरवानी सरपंच ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी (दे.) को पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के अधीन उन्हे धारित पद से पृथक करते हुए निर्वाचन सहयोजन हेतु आगामी छः वर्ष के लिए निरर्हित घोषित किया जाता है।