रायपुर

पर्यावरण से इस कदर प्रेम की इस शख्‍स ने पथरीली जमीन पर बिछा दी हरियाली, लगा चुके हैं 6 हजार पौधे, पढ़िए ये प्रेरणा देने वाली खबर…

छत्‍तीसगढ़ के पाटन विकासखंड के गोंड़पेंड्री गांव का नाम आज प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण के लिए जाना जाता है, और इसका श्रेय गांव के युवा संजय साव को जाता है। संजय साव ने पिछले चार वर्षों में अपने जुनून और मेहनत से गांव की तस्वीर बदल दी है। पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि गांव में पौधारोपण के लिए इस तरह की पहल सराहनीय है।

रायपुर। नीले गगन के तले धरती का प्यार पले, गायक महेंद्र कपूर द्वारा गाया गया हमराज फिल्म के इस गीत की ये पंक्तियां सुनते ही सभी का ध्यान प्रकृति की बहारों में खो जाता है और ये पंक्तियां गाेंड़पेंड्री गांव पर सटीक बैठती हैं। रायपुर से लगे पाटन विकासखंड में स्थित इस गांव के रहने वाले युवक संजय साव का प्रकृति के प्रति अटूट आस्था और पौधे लगाने का जज्बा है।

यही वजह है कि उन्होंने पिछले चार वर्षों के भीतर अपने निजी और कुछ सरकारी जमीन समेत चार एकड़ के भूखंड पर छह हजार पौधे रोपित किए हैं। इनमें नीम, बड़, पीपल, अमरूद,जामुन, आम, अर्जुन, इमली, आंवला, बेल समेत अन्य पौधे शामिल हैं। अपनी जमीन पर उन्होंने ज्यादातर फलदार और औषधि पौधे रोपित किए हैं और सरकारी जमीन में छायादार पौधे लगाए हैं।

2,800 की आबादी वाले इस गांव में 90 प्रतिशत लोग शिक्षित हैं। गांव के ही कुछ युवा भी संजय के अभियान में मदद कर रहे हैं। संजय ने पौधों के संरक्षण व देखभाल के लिए गांव में ही वन मित्र बनाए हैं, जो कि उनके साथ ही सब्जी-भाजी के बाग में काम करते हैं और समय मिलने पर अभियान के तहत हरियाली बिछाने में मदद भी कर रहे हैं।

पौधों की विविधता से महका वन

ग्राम पंचायत गोंड़पेंड्री के सरपंच नीलेश गनीर ने बताया कि चार साल पहले संजय ने मुझसे संपर्क किया और हमने मिलकर बैठक की। इसके बाद कांक्रीट और पथरीली जमीन पर पौधे लगाने के लिए खोदाई की, मिट्टी भरने का काम शुरू किया और अब गांव की तस्वीर बदल गई है। हरियाली छाई हुई है। संजय ने ये पौधे तो लगाए ही उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी खुद उठाई है। पौधों की विविधता से गांव महक उठा है।

आने वाली पीढ़ी के लिए तोहफा

संजय कहते हैं कि प्रकृति के तत्वों से खिलवाड़ करना उचित नहीं है। हम यदि प्रकृति से कुछ ले रहे हैं तो उसे कुछ देना भी चाहिए। मुझे लगा कि पौधे लगाना पर्यावरण के हित में होगा और आने वाली पीढ़ियों के एक तोहफा भी होगा।

इसके अलावा गांव के आसपास वायु प्रदूषण पर लगाम लगाया जा सकेगा। जलाशयों का संरक्षण कर अपने आसपास की आबोहवा शुद्ध बनाया जा सकेगा। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ”एक पेड़ मां के नाम” अभियान से प्रेरित हुआ। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी भी इस अभियान को बढ़ा रहे हैं।

पर्यावरण मंत्री तो पीपल का पेड़ लगाकर

हरियाली तैयार करने में रुचि रखते हैं। इसलिए हमने भी पीपल के पेड़ लगाने शुरू कर दिए हैं। साव सब्जी-भाजी लगाने के साथ-साथ मिनरल्स में बिजनेस करते हैं। वह अपने गांव के अलावा अपने कार्यक्षेत्र में भी पेड़ तैयार किए हैं। अपने बगीचे के बाहर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री व पंचायत मंत्री विजय शर्मा और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी की तस्वीर वाले बैनर-पोस्टर भी लगाए हैं। ताकि लोग जागरुक हों।

मंत्री बोले- लाखों के लिए प्रेरणा

पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि गांव में पौधारोपण के लिए इस तरह की पहल सराहनीय है। संजय और उनकी टीम लाखाें लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। प्रधानमंत्री के ”एक पेड़ मां के नाम” अभियान का गांव तक असर पड़ रहा है। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

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